भोपाल। मॉक ड्रिल के साथ सिस्टम तो जाग चुका, लेकिन सवाल ये है कि आम आदमी कितना अलर्ट है. (New Covid Wave in India) तीसरी लहर में मौत का मंजर देख चुके लोगों में क्या दहशत बन पाई चौथी लहर. क्यों कोरोना के संक्रमण से ज्यादा लोगों की फिक्र लॉकडाउन को लेकर है. मास्क फ्री हो चुकी जनता क्या फिर नाक मूंह ढंकने तैयार हो पाएगी. हमने अपने मिज़ाज के मालिक भोपालियों के जरिए जनता की नब्ज टटोली कि, कोरोना की चौथी लहर की आमद की खबरें जनता के बीच किस हवा पर सवार होकर जा रही हैं. तो जो जवाब आएगा उस पर आप ठहाका भी लगाएंगे और हैरत में भी पड़ जाएंगे.
कोरोना का नया वैरिएंट केवल अफवाह.?: मॉक ड्रिल केसाथ जिस वक्त भोपाल में ऑक्सीजन कैपेसिटी वेंटिलेटर के साथ आइसोलेशन बेड की कैपेसिटी परखी जा रही थी. तब पुराने भोपाल के कई हिस्सों में इस ख्याल को पुख्ता किया जा रहा था कि वैक्सीनेशन के बाद चौथी लहर की आशंकाएं हवा से ज्यादा कुछ नही. यानि अफवाह फैलाई जा रही है. ईटीवी भारत जब पुराने भोपाल के चौक चौराहों पर पहुंचा ये जानने कि चौथी लहर की आहट है और आप कितने अलर्ट तो जवाब आया कि ये केवल अफवाह है. हवा बनाई जा रही है. और ये सारा खेल चीन का है. चीन ही जिममेदार है. और वही भुगत भी रहा है. भारत में तो ऐसा कुछ भी नहीं है. मोहम्मद सुलेमान तो कोरोना के हर वैरियंट के लिए चीन को गुनहगार मानते हैं और कहते हैं कि चीन की करतूतें किसी सूरत माफ करने लायक नहीं.
साहब, कोरोना से नहीं लॉकडाउन से है डर:खास बात ये है कि भोपालियों को कोरोना से उतना कोई खास डर नहीं है. मुमकिन है इसकी वजह इन्फेक्शन और वैक्सीनेशन के बाद मिली इम्यूनिटी हो. या बीमारी से लड़ जाने का हौसला. ईटीवी भारत से चर्चा में ज्यादातर भोपालियों की फिक्र ये थी कि चौथी लहर से पहले लॉकडाउन ना आ जाए. सवाल भी यही कि कहीं फिर से लॉकडाउन तो नहीं लग जाएगा. अब्दूल भाई की दुकान है डर ये है कि अगर लॉकडाउन लगा तो फिर कारोबार ठप्प ना हो जाए.