भोपाल। प्रदेश की जेलों में 300 कैदियों के संक्रमित होने के बाद मानव अधिकार आयोग ने जेल प्रशासन से जवाब तलब किया है. उधर, जेल में संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा 4500 कैदियों को 60 दिन की पैरोल पर छोड़ा गया है. हालांकि, कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान करीब 8000 नए कैदी जेल में पहुंचे हैं. इसकी वजह से जेलों में कैदियों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना जेल प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ है.
जेलों में संक्रमण रोकने की कोशिश में जुटा विभाग
जेलों में 300 कैदी संक्रमित होने के बाद जेल प्रशासन संक्रमण रोकने की कोशिश में जुटा है. हालांकि, इसके बाद भी जेलों में क्षमता से ज्यादा कैदी मौजूद हैं. जितने कैदियों को पैरोल मिली उससे ज्यादा संख्या में और नए कैदी जेल में पहुंच चुके हैं. बताया जाता है कि प्रदेश की 131 जेलों में करीब 50,000 कैदी सजा काट रहे हैं, जबकि जेलों में कैदियों की क्षमता करीब 28000 की है. यहां कोरोना से बचाव के लिए जेल प्रशासन द्वारा कई कदम उठाए जा रहे हैं.
नए बंदियों को रखा जाता अलग आइसोलेशन में
दरअसल, भोपाल, इंदौर और उज्जैन में अस्थाई जेल बनाकर आइसोलेशन करने की व्यवस्था की गई है. यहां नए बंदियों को पहले अस्थाई जेल में बने आइसोलेशन वार्ड में रखा जाता है. इसके बाग आरटी-पीसीआर टेस्ट कराया जाता है और 15 दिन के आइसोलेशन के बाद मुख्य जेल में शिफ्ट किया जाता है. जेल के अंदर भी लगातार कैदियों की स्क्रीनिंग और उनकी स्वास्थ की निगरानी की जा रही है.