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पॉजिटिव होने के बाद भी कोविड पेशेंट की देखभाल कर रहे कोरोना वारियर्स - covid patient at Hamidia Hospital of Bhopal

अस्पतालों में इलाज करा रहे मरीजों की दिन-रात सेवा करने वाले कोरोना वारियर्स हमेशा, गुमनाम रहते हैं. जब भी जिक्र होता है तो सिर्फ इतना की ड्यूटी पर है लेकिन यह ड्यूटी महज ड्यूटी नहीं बल्कि समर्पण है.

Corona Warriors caring for covid Patient
कोविड पेशेंट की देखभाल कर रहे कोरोना वारियर्स

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Published : May 17, 2021, 12:07 PM IST

Updated : May 17, 2021, 1:21 PM IST

भोपाल। संकट के दौर में त्रासदी की कई कहानियां हमारे सामने हैं. कुछ ऐसे भी हैं जिनका आज तक कोई जिक्र नहीं हुआ. यह दिन रात ड्यूटी में लगे हुए हैं, तो लगता है कि यही इनकी दुनिया है. इस दुनिया से परे इनका कुछ और नहीं, लेकिन यह भी इंसान इनके भी घर परिवार है कोई बीमार होने के बाद भी ड्यूटी कर रहा है, तो कोई अपनों को खोने के बाद चेहरे पर मुस्कान लिए दूसरों की सेवा कर रहा है. अस्पतालों में इलाज करा रहे मरीजों की दिन-रात सेवा करने वाले यह कोरोना वारियर्स हमेशा गुमनाम बने रहते हैं. जब भी जिक्र होता है तो सिर्फ इतना की ड्यूटी पर है लेकिन यह ड्यूटी महज ड्यूटी नहीं बल्कि समर्पण है.

कोविड पेशेंट की देखभाल कर रहे कोरोना वारियर्स

चुनौती स्वीकार

यह ऐसा समय है जब हर किसी को परिवार और अपने लिए सुरक्षित रहना है. लेकिन हमें तो दूसरों की चिंता है. इसीलिए हम वह कर रहे हैं जो हमारी जिम्मेदारी है, क्योंकि हम बीमार हैं तो क्या हुआ, हमारा अपना चला गया तो क्या हुआ. हम घर से दूर है तो क्या हुआ, हमें तो सिर्फ मानव सेवा करना है. क्योंकि इस चुनौती को हमने खुद स्वीकार किया है.

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दिन रात सेवा कर रहे हैं कोरोना वॉरियर

भोपाल के हमीदिया अस्पताल में बीजेपी प्रवक्ता डॉक्टर हितेश वाजपेई कोरोना का इलाज करा रहे हैं. दिन रात मेहनत कर रहे डॉक्टर्स के लिए उन्होंने भावुक करने वाली बातें कहीं है, जो उन्होंने सोशल मीडिया पर भी शेयर की है. मरीजों की सेवा में लगे डॉक्टर और स्टाफ के लिए जो कहा है वह कुछ इस तरह है.

कोरोना वॉरियर ने अपनी दिनचर्या बताते हुए कहा कि इन दिनों मैंने बहुत बड़ी संख्या में भर्ती माता-पिता, बहने और घर के लोगों को मृत्यलोक जाते देखा है. फिर जैसे तैसे आपस में मदद कर वो दाह संस्कार करवाते हैं की घर के बाकी भर्ती लोगों को न पता लगे. बड़ी भयावह परिस्थितियों में ये सभी अनवरत युद्ध लड़ रहे हैं. कल रात ही कंट्रोल रुम की एक बेटी ने अपने पिता को खो दिया. एक बेहद मेहनती प्रोफेसर ने अपनी मां को खो दिया और पड़ोस में उसकी बहन जीवन के लिए संघर्ष कर रही है, जिसको अभी पता भी नहीं है कि क्या हुआ है.

ड्यूटी के दौरान डिहाइड्रेशन की दिक्कत

हमीदिया अस्पताल की स्टाफ नर्स शिवानी बताती है कि 8 से 10 घंटे ड्यूटी करने से डिहाइड्रेशन की दिक्कत होती है. मास्क लगाने से सांस लेने में भी परेशानी आती है, वह भी दो बार कोविड पॉजिटिव हो चुकी है. हालात ऐसे है कि परिवार में कोरोना संक्रमित होने के बाद भी घर नहीं पहुंच पाई, जिस दिन घर जाना था उसी दिन उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई. पिछले डेढ़ साल से अपने घर से दूर मरीजों की सेवा में लगी हुई है.

Last Updated : May 17, 2021, 1:21 PM IST

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