सागर। बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सत्येंद्र मिश्रा पिछले एक साल से कोरोना मरीजों का इलाज करते हुए खुद कोरोना संक्रमित हो गए थे. उनकी हालत इतनी गंभीर हो गई थी कि उनके साथियों को उनके उचित इलाज के लिए सरकार से मदद मांगनी पड़ी थी. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने तत्परता दिखाते हुए सरकारी खर्च पर डॉ. सत्येंद्र मिश्रा का इलाज मशहूर डॉ. अपार जिंदल से कराने का फैसला किया था. उनके इलाज के लिए उन्हें सागर से सड़क मार्ग पर ग्रीन कॉरिडोर बनाकर भोपाल ले जाया गया था. भोपाल से हैदराबाद के लिए एयरलिफ्ट किया गया था. हैदराबाद के यशोदा हॉस्पिटल में डॉ. अपार जिंदल की देखरेख में करीब 12 दिनों तक उनका इलाज चला और अब पूरी तरह स्वस्थ हो गए हैं. उम्मीद की जा रही है कि छह से सात मई तक वह सागर आ सकते हैं. उन्होंने कहा है कि कोरोना से डरने की जरूरत नहीं है. उन्होंने सागर पहुंचकर फिर कोरोना मरीजों का इलाज करने की इच्छा जताई है.
6-7 मई को हो सकते हैं डिस्चार्ज
डॉ. सत्येन्द्र मिश्रा को फेफड़ों का गंभीर संक्रमण होने के बाद भोपाल से एयरलिफ्ट कर हैदराबाद भेजा गया था. जहां लगभग पिछले 12 दिनों से यशोदा अस्पताल हैदराबाद में उनका इलाज चल रहा था. उनकी हालत में तेजी से सुधार के बाद उन्हें आईसीयू से निकलकर सांस ठीक करने (रेस्पिरी यूनिट) में भर्ती किया गया. डॉ. मिश्रा की वेंटिलेटर सपोर्ट पहले ही हटा दी गई है. दो-तीन दिन में ऑक्सीजन का लेवल (बगैर ऑक्सीजन लगाये) 95- 97 तक होने की उम्मीद है. सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो छह मई तक उनकी वहां से छुट्टी हो जाएगी.