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एमपी विधानसभा के मानसून सत्र पर कोरोना का संकट, सर्वदलीय बैठक के बाद फैसला - एमपी विधानसभा मानसून सत्र

प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते 20 जुलाई से होने वाले विधानसभा के मानसून सत्र पर खतरा मंडरा रहा है. मौजूदा हालातों को देखते हुए प्रोटेम स्पीकर ने सर्वदलीय बैठक बुलाकर इस मामले में फैसले लेने की बात कही है.

mp Assembly
विधानसभा भवन

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Published : Jul 16, 2020, 7:49 PM IST

भोपाल। 20 जुलाई से मध्यप्रदेश में विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हो रहा है, इस मानसून सत्र में प्रदेश सरकार का बजट भी पेश होगा. लेकिन गृह मंत्रालय के आदेश और मध्य प्रदेश में लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस के मामलों की संख्या को देखते हुए अब विधानसभा मानसून सत्र पर कोरोना संकट मंडराने लगा है. अब सत्र टलेगा या छोटा होगा, इस पर संशय बरकरार है.

प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा
दरअसल मध्यप्रदेश विधानसभा की संख्या के हिसाब से बात करें तो 206 विधायकों की संख्या है. इसके अलावा विधानसभा के अधिकारी, कर्मचारी विधायकों के साथ आने वाले उनके सहायक और इन सब की गिनती की जाए तो करीब 1000 से ऊपर लोग इकट्ठे हो जाएंगे. ऐसे में कोरोना संक्रमण का खतरा ज्यादा बढ़ जाएगा. विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा का कहना है कि इस मामले को लेकर जल्द ही सर्वदलीय बैठक बुलाई जाएगी और इस मामले में चर्चा होगी. क्योंकि अभी तक कई विधायक कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं .ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य प्रोटोकॉल का पालन किस तरीके से हो इसको लेकर सर्वदलीय बैठक में सभी नेताओं से चर्चा की जाएगी.
राजनीतिक विश्लेषक शिव अनुरााग पटेरिया

जानकारों की मानें तो मौजूदा हालातों में विधानसभा सत्र को छोटा भी किया जा सकता है. क्योंकि इस सत्र में बजट पेश होना है, इसके चलते विधानसभा सत्र की अवधि 5 दिन या एक-दो दिन की जा सकती है.

राजनीतिक विश्लेषक शिव अनुरााग पटेरिया के मुताबिक इस सत्र में विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के चुनाव के साथ ही बजट पास कराया जाना है, ऐसे में सरकार संवैधानिक बाध्यता के कारण सरकार बजट सत्र को छोटा कर विधानसभा की कार्यवाही को पूरी करा सकती है.

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