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ठंड में कोरोना हुआ और खतरनाक, दोगुनी रफ्तार से राजधानी में बढ़ें केस - corona cases increased in november

मध्य प्रदेश में अक्टूबर महीने की तुलना में नवंबर महीने में दोगुनी रफ्तार से कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि ठंड के मौसम में सर्दी-जुखाम और बुखार जैसी आम समस्याएं लोगों को होती है. इस मौसम में किसी भी तरह का वायरस जल्दी असर करता है, इसलिए जरूरी है कि ठंड से बचाव किया जाए.

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Published : Dec 5, 2020, 8:40 PM IST

भोपाल।मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण दोगनी रफ्तार से अपना कहर बरपा रहा है. कोरोना संक्रमितों की संख्या कम होने के बजाय अब ज्यादा तेजी से बढ़ रही है. अक्टूबर महीने के आखिरी में जहां कोरोना संक्रमितों की संख्या में कमी होने स्वास्थ्य विभाग को राहत मिली थी. वहीं नवंबर महीने के आखिरी में और दिसंबर महीने की शुरुआत में बढ़तेल कोरोना संक्रमितों ने एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग के सामने परेशानी लाकर खड़ी कर दी है. अंदाजा लगाया जा रहा है कि आने वाले दिनों में मौसम बदलने के साथ ही कोरोना संक्रमण की रफ्तार भी और तेज हो सकती है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी होने वाली हेल्थ बुलेटिन के आंकड़ों को देखकर यह स्थिति साफ तौर पर नजर आती है कि प्रदेश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर बहुत ज्यादा तेजी से फैल रही है और उसका असर साफ तौर पर प्रदेश वासियों पर हो रहा है.

राजधानी में बढ़ें कोरोना केस

दोगुनी रफ्तार से बढ़े मामले

नवंबर महीने के आखिरी में अक्टूबर महीने की तुलना में कोरोना संक्रमितों की संख्या दोगुनी रफ्तार से बढ़े हैं. स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी होने वाले हेल्थ बुलेटिन के आंकड़ों के मुताबिक 21 अक्टूबर से लेकर 30 अक्टूबर तक टोटोल 8512 नए कोरोना संक्रमित मरीज सामने आए हैं. वहीं 21 नवंबर से लेकर 30 नवंबर के बीच 16 हजार 582 मरीज सामने आए हैं. यह आंकड़े दोगुने हैं, जो संक्रमण की रफ्तार को साफ तौर पर दर्शाते हैं और डराते भी हैं.

न सिर्फ संक्रमितों में बढ़ोतरी देखने को मिली है बल्कि उसके साथ ही एक्टिव केस भी बढ़े हैं. 21 अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक टोटल एक्टिव मरीजों की संख्या 109294 थी तो वहीं 21 नवंबर से लेकर 30 नवंबर तक कुल एक्टिव मरीजों की संख्या 135616 थी.

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ठंड के कारण बढ़े मामले

विशेषज्ञों का अनुमान है कि ठंड के मौसम के कारण ही कोरोना संक्रमित मरीजों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. और आने वाले समय में ये और तेजी से बढ़ सकते हैं. इस बात को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग की ओर से कुछ दिनों पहले ही गाइडलाइन जारी करते हुए सभी जिला कलेक्टर और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को पत्र लिखकर यह आदेश दिए गए थे कि वह अपने जिलों में व्यवस्थाओं की समीक्षा कर उन्हें पर्याप्त मात्रा में रखें.

ठंड से बचाव जरूरी

विशेषज्ञों का ऐसा मानना है कि ठंड के मौसम में सर्दी-जुखाम और बुखार जैसी आम समस्याएं लोगों को होती है. इस मौसम में किसी भी तरह का वायरस जल्दी असर करता है, इसलिए जरूरी है कि ठंड से बचाव किया जाए.

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क्या कहते हैं विशेषज्ञ

स्वास्थ्य रोग विशेषज्ञ डॉक्टर लोकेंद्र दवे कहते हैं कि सर्दी के मौसम में हमें ज्यादा सावधानी रखने की जरूरत है. इसके दो कारण हैं, पहला तो कोविड से स्थिति गंभीर हो सकती है. कई बार डबल वायरस इंफेक्शन हो सकते हैं. सर्दी-जुखाम के मरीज में निमोनिया किसी और कारण से हो सकता है और कोविड होने की संभावना रहती है जिसके कारण स्थिति बिगड़ सकती है, ऐसे समय में विशेष सावधानी रखना जरूरी है.

खास तौर पर करें बचाव

हमें सामान्य सर्दी, जुखाम और खांसी भी न हो उसके उपाय किए जाने चाहिए. लोगों को पर्याप्त गर्म कपड़ों का उपयोग करना चाहिए, ठंडी हवा में ज्यादा न घूमें, भीड़भाड़ वाली जगहों में न जाए, हाथों को सैनिटाइज करना भी जरूरी है. अगर हल्का सा भी सर्दी-जुखाम हो तो तुरंत ही फीवर क्लीनिक जाकर जांच-कराएं ताकि जो भी तकलीफ है उसका जल्द से जल्द समाधान किया जा सके. अगर संक्रमण भी है तो जल्दी पता लग जाने से संक्रमण की चेन ब्रेक हो जाएगी.

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