भोपाल। कोरोना की संभावित तीसरी लहर से पहले लगातार अलग-अलग राज्यों को अलर्ट किया जा रहा है. इंस्टीट्यूशन ऑफ हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवोल्यूशन और एसबीआई की रिपोर्ट में स्पष्ट कर दिया गया है कि अगस्त के बीच और सितंबर तक देश में कोरोना की तीसरी लहर पीक पर होगी. हालांकि इस बीच देश और राज्य में सामने आए नए मामलों और पॉजिटिविटी रेट की बात करें तो आंकड़े राहत देने वाले हैं. एमपी में बीते 24 घंटे में कोरोना 10 नए मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि देश में 35,499 नए मामले रिपोर्ट किए गये हैं.
पॉजिटिविटी रेट में कमी
देश के कोरोना टेस्ट पॉजिटिविटी रेट की बात करें तो, 1 मई से 1 अगस्त के बीच पॉजिटिविटी रेट में 18.9% की कमी दर्ज की गई है, जोकि राहत भरा आंकड़ा है. देश में फिलहाल कोरोना के सबसे ज्यादा मामले केरल में रिपोर्ट किए जा रहे हैं, यहां रोजाना करीब 20 हजार नए केस दर्ज किए जा रहे हैं. कोरोना के नए मामलों में केरल के बाद दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र है, जहां रोजाना 6 हजार से अधिक नए मामले दर्ज किए जा रहे हैं.
देश में कोरोना के 35,499 नए मामले
बता दें कि देश में बीते 24 घंटे में कोरोना के 35,499 नए मामले आए दर्ज किए गए हैं, जबकि 39,686 रिकवरी हुईं और 447 लोगों की कोरोना से मौत हुई है. देश में संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 3,19,69,954 हो गई है. वहीं सक्रिय मामलों की संख्या 4,02,188 हो गई है. इसके साथ ही कुल रिकवरी 3,11,39,457 है. वहीं देश में कोरोना से अब तक 4,28,309 लोगों की मौत हो चुकी है.
युद्ध स्तर पर जारी है वैक्सीनेशन
दरअसल, भारत सरकार कोरोना की संभावित तीसरी लहर से पहले अधिक से अधिक लोगों के वैक्सीनेशन में जुटी हुई है. बता दें कि पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस की 16,11,590 वैक्सीन लगाई गईं, जिसके बाद कुल वैक्सीनेशन का आंकड़ा बढ़कर 50,86,64,759 हो गया है.
तीसरी लहर के लिए एमपी सरकार की तैयारी
बता दें कि कोरोना की तीसरी लहर के खिलाफ प्रदेश की शिवराज सरकार पहले से अलर्ट मोड पर है. सरकार के मंत्री विश्वास सारंग का कहना है कि सरकार तीसरी लहर को लेकर पूरी तरह से तैयार है. धीरे-धीरे अनलॉक हो चुका है. ऐसे में आम जरूरत की चीजों पर ध्यान देना भी जरूरी है. लेकिन फिर भी सरकार उतनी ही टेस्टिंग करा रही है, जितनी दूसरी लहर में पीक टाइम पर हुई थी. इसके अलावा तमाम इंफ्रास्ट्रक्चर की व्यवस्था भी की गई है.
ऑक्सीजन बेड बढ़ाने का काम शुरू
दरअसल, प्रदेश में तीसरी लहर के खिलाफ लड़ाई अभी से युद्ध स्तर पर जारी है. यहां 3813 ऑक्सीजन बेड बढ़ाने का काम शुरू हो गया है. स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में 650 और मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध अस्पतालों में 375 बिस्तरों की तैयारी की है. वहीं, 186 ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट लगाए जा रहे हैं, इनमें अभी तक 35 स्थापित हो चुके हैं, बाकी भी 30 सितंबर के पहले तैयार हो जाएंगे.
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तीसरी लहर से बच्चों को कितना खतरा
मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध अस्पतालों में 380 बिस्तर की बाल/ शिशु गहन चिकित्सा इकाई तैयार की जा रही है, जिसकी समय सीमा 30 सितंबर है. कोरोना संक्रमित और संदिग्ध बच्चों के लिए सभी जिले में एक-एक एंबुलेंस होगी. सभी प्लांट को मिलाकर 229 टन मेडिकल ऑक्सीजन रोज उत्पादन करने की क्षमता होगी. तीसरी लहर के मद्देनजर ज्यादातर काम पूरा करने की समय सीमा 30 सितंबर है.
अस्पतालों में कितने बिस्तर तैयार?
इसके अलावा भोपाल में काटजू सिविल अस्पताल में 200 बिस्तर तैयार किए गए हैं. इसमें 50 आइसीयू वाले हैं. सीहोर में 300 बिस्तर का अस्पताल तैयार किया जा रहा है. ऑक्सीजन वाले 100 बिस्तर में 50 बच्चों के लिए होंगे. मंडला, डिंडौरी में 70 और 30 बिस्तर का अस्पताल बनाया गया है. 15 अगस्त तक डिंडौरी, बालाघाट, सिवनी और नरसिंहपुर में मिलाकर ऑक्सीजन वाले 200 बिस्तर के अस्पताल और तैयार होंगे. बीना रिफायनरी में ऑक्सीजन वाले 200 बिस्तर तैयार हो रहे हैं.