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कलेक्टर थप्पड़ कांड को लेकर IAS-IPS में तकरार, अब नए सिरे से होगी जांच - नए सिरे से मामले की जांच

राजगढ़ कलेक्टर निधि निवेदिता का थप्पड़ कांड थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस मामले के चलते मध्यप्रदेश के IAS और IPS अफसर आमने-सामने आ गए हैं, जिसे देखते हुए जांच के लिए नई कमेटी गठित की गई है.

IAS-IPS face to face with collector slap case
राजगढ़ थप्पड़ कांड के बाद IAS-IPS आमने सामने

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Published : Feb 10, 2020, 4:05 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश के राजगढ़ में कलेक्टर थप्पड़ कांड विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. इस विवाद को लेकर अब मध्य प्रदेश के IAS और IPS अफसर आमने-सामने आ गए हैं. इस मामले की जांच के लिए नई कमेटी गठित की गई है, जिसमें IAS और IPS दोनों अफसरों को शामिल किया गया है, ये कमेटी नए सिरे से रिपोर्ट तैयार करेगी.

राजगढ़ थप्पड़ कांड के बाद IAS-IPS आमने सामने

थप्पड़ कांड की गूंज

मध्यप्रदेश के राजगढ़ में एएसआई को कलेक्टर द्वारा थप्पड़ मारने का मामला अब तक गूंज रहा है. चौंकाने वाली बात ये है कि इस विवाद ने अब IAS वर्सेस IPS की शक्ल लेना शुरू कर दिया है. राजगढ़ कलेक्टर निधि निवेदिता का नाम पहले चर्चा में तब आया जब उन्होंने एक बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ बदसलूकी की थी. जिसके बाद एक पुलिसकर्मी को थप्पड़ मारे जाने का भी विवाद शुरू हो गया.

पुलिस मुख्यालय की जांच में सामने आया कि एक एएसआई को भी राजगढ़ कलेक्टर ने थप्पड़ मारा है. इसके बाद पुलिस मुख्यालय की ओर से गृह विभाग को रिपोर्ट सौंपकर कलेक्टर पर कार्रवाई करने की अनुशंसा की गई थी, लेकिन अब इस मामले को लेकर कमेटी गठित कर दी गई है जो इस मामले की जांच नए सिरे से करेगी.

जमकर हो रही है सियासत

बीजेपी नेताओं का कहना है कि कांग्रेस सरकार कलेक्टर को बचाने की कोशिश कर रही है, जबकि पूरा पुलिस महकमा कह रहा है कि कलेक्टर ने पुलिसकर्मी को थप्पड़ मारा है. अब दूसरे प्रशासनिक अधिकारी इस मामले की जांच करेंगे लेकिन बीजेपी ने जो ज्ञापन दिए हैं उस पर कोई बात नहीं कर रहा है. उनका कहना है कि कांग्रेस इन घटनाओं को बढ़ावा दे रही हैं, कभी ना कभी पलट कर ऐसी ही घटना कांग्रेस के साथ भी होगी.

बीजेपी-कांग्रेस आमने-सामने

वहीं कांग्रेस प्रवक्ता का कहना है कि बीजेपी खराब राजनीति पर उतर आई है. बीजेपी अधिकारियों के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग करती है और अधिकारियों का दबाव में रखने की कोशिश करती है. पिछले 15 सालों में बीजेपी ने अधिकारियों को दबाव में ही रखा है.

बता दें कि ये पहला मामला नहीं है जब आईएएस और आईपीएस आमने-सामने हों, इससे पहले भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं हाल ही में आईएएस अधिकारी विवेक अग्रवाल पर ईओडब्ल्यू की जांच को लेकर तत्कालीन आईएएस एसोसिएशन की अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर विरोध जताया था।

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