भोपाल।बड़वानी कलेक्टर पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने और सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल विवादों में आए आईएएस अधिकारी लोकेश जांगिड़ ने फिलहाल राजनीति में एंट्री की बातों से इनकार कर दिया है. आईएएस अधिकारी ने ट्वीट कर कहा कि भविष्य में राजनीति में आने को लेकर वे कुछ नहीं कह सकते. अधिकारी ने चार अलग-अलग ट्वीट कर कहा कि कुछ लोग उन्हें जानबूझकर भूल जाना चाहते हैं, लेकिन वे इसमें नहीं आएंगे. आईएएस अधिकारी ने पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई थी, लेकिन बाद में इसे कैंसिल कर दिया था.
उनको लेकर फैलाई जा रही अफवाहः जांगिड़
आईएएस अधिकारी लोकेश जांगिड़ ने कहा कि मेरा बेंगलुरु डॉक्टर से जोड़कर एक वीडियो चलाया जा रहा है. इसके बारे में वे पिछले दिनों बड़वानी में ही सार्वजनिक रूप से बता चुके थे कि पिछले साल उनका डिप्रेशन का इलाज चला था. कुछ लोग ऐसा करके उन्हें डिफेम करना चाहते हैं, लेकिन इस तरह के वीडियो उन्हें परेशान नहीं कर सकते और न ही ऐसा कर मुझे नीचे झुकाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि वह अपनी सेवा के दायरे में संविधान के पालन को लेकर गंभीर हैं.
राजनीति की बातों से किया इनकार
आईएएस जांगिड़ ने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि कुछ लोगों द्वारा उनके राजनीति में एंट्री करने और विपक्षी पार्टी की ओर से चुनाव लड़ने की भी अफवाहें फैलाई जा रही हैं. इस मामले में भी वे स्पष्ट करना चाहते हैं कि उनका राजनीति में आने का फिलहाल कोई इरादा नहीं है, लेकिन भविष्य के बारे में भी कुछ नहीं कह सकते, क्योंकि वह भविष्यवक्ता नहीं हैं. एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा कि सरकार से मलाईदार पद पर पदस्थापना मांगने को लेकर भी अफवाह फैलाई जा रही हैं. इस पर भी वे साफ करना चाहते हैं कि उन्होंने शहडोल, सीहोर, गुना, हरदा और बड़वानी जहां भी काम किया है. वहां जनता के लिए ही काम किया है. उन्होंने लोक सेवा के रूप में ही काम करके लोगों के बीच अपना स्थान बनाया है.
लोकेश जांगिड़ अनुशासनहीन IAS, खराब है ट्रैक रिकॉर्डः मंत्री
इसलिए विवादों में रहे IAS जांगिड़
बता दें कि आईएएस लोकेश जांगिड़ पिछले दिनों बड़वानी अपर कलेक्टर पद से हटाए जाने के बाद से नाराज चल रहे हैं. पद से हटाए जाने के बाद उन्होंने बड़वानी कलेक्टर पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. 2014 बैच के मध्य प्रदेश कैडर के आईएएस अफसर लोकेश कुमार जांगिड़ के चार साल में आठ तबादले किए जा चुके हैं. बड़वानी से हटाए जाने के बाद उन्होंने सामान्य प्रशासन विभाग की प्रमुख सचिव स्तर की अधिकारी से फोन पर की गई चर्चा को भी वायरल कर दिया था. इसको लेकर उन्हें नोटिस जारी किया गया था.