भोपाल । गिरीश गौतम मध्यप्रदेश विधानसभा के नए अध्यक्ष बन गए हैं. उम्मीद थी कि कांग्रेस उन्हें टक्कर देगी. ऐसा कुछ हुआ नहीं. कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार ही नहीं उतारा. बीजेपी की राह आसान हो गई. गिरीश गौतम निर्विरोध स्पीकर चुन लिए गए.
कांग्रेस ने दिया बीजेपी को वॉकओवर !
मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए गिरीश गौतम ने रविवार को नामांकन भर दिया था. संख्याबल कांग्रेस के खिलाफ था, ऐसे में कांग्रेस ने स्पीकर के लिए उम्मीदवार खड़ा करने का शायद सोचा भी नहीं. कांग्रेस ने साफ कर दिया था, कि वो स्पीकर के लिए अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगी. ऐसे में गिरीश गौतम और बीजेपी की राह बिल्कुल आसान हो गई. बीजेपी की निश्चित जीत में कोई अड़चन भी नहीं रह गई. कांग्रेस का स्पीकर बनने की संभावनाएं वैसे भी कम थी. विपक्षी दल होने के नाते राजनीतिक जंग तो लड़ने की उम्मीद लोग कांग्रेस से कर ही रहे थे. बीजेपी को चुनौती देने का कांग्रेस नैतिक और राजनीतिक साहस ही नहीं जुटा पाई. उसने हथियार डाल देना ही मुनासिब समझा. कांग्रेस ने एक तरह से बीजेपी को वॉकओवर दे दिया. नतीजा ये हुआ कि गिरीश गौतम निर्विरोध विधानसभा अध्यक्ष चुन लिए गए.
कमलनाथ ने दी परंपरा की दुहाई
जब गिरीश गौतम विधानसभा स्पीकर बन गए, तो कांग्रेस को कुछ पुरानी याद सताने लगी. सांप निकल जाने के बाद लकीर पीटने लगी. पूर्व सीएम कमलनाथ ने विपक्ष की औपचारिका परंपरा निभाने के लिए औपचारिक बयान दे दिया. कमलनाथ ने कहा, मुझे इस बात का दुख है कि उनकी सरकार के दौरान पिछले अध्यक्ष चुनाव में बीजेपी ने परंपरा के विपरीत अपना उम्मीदवार खड़ा किया था. परंपरा बड़ी मुश्किल से बनती है. कांग्रेस परंपरा निभाने में हमेशा आगे रही है. हमेशा से परंपरा रही है कि अध्यक्ष सरकार का रहता है और उपाध्यक्ष विपक्ष का रहता है.
किसने तोड़ी परंपरा?