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HC के दखल के बाद जैसे खासगी ट्रस्ट की जांच कर रहे हैं, वैसे सिंधिया की संपत्ति की जांच क्यों नहीं करते: कांग्रेस

ज्योतिरादित्य सिंधिया के संपत्ति को लेकर चल रहे विवाद पर कांग्रेस प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने सिंधिया और शिवराज सरकार पर निशाना साधा है. उनका कहना है कि सिंधिया की संपत्तियों से जुड़े जो भी विवाद है, उनमें खुद सिंधिया मर्जर के समय की संपत्तियों की सूची जाहिर कर दें, तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा.

Bhupendra Gupta
भूपेंद्र गुप्ता

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Published : Oct 9, 2020, 3:38 PM IST

Updated : Oct 9, 2020, 4:52 PM IST

भोपाल। कांग्रेस से बगावत कर बीजेपी में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया के संपत्ति विवादों को लेकर लग रहे आरोपों पर कांग्रेस ने सिंधिया और शिवराज सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि सिंधिया की संपत्तियों से जुड़े जो भी विवाद हैं, उनमें खुद सिंधिया मर्जर के समय की संपत्तियों की सूची जाहिर कर दें, तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा. वहीं जिस तरीके से शिवराज सरकार हाईकोर्ट के दबाव के बाद आज खासगी ट्रस्ट की जांच करा रही है. वह सिंधिया से जुड़ी संपत्तियों की जांच करा लें, तो बेहतर होगा. क्योंकि यह मामला भी खासगी ट्रस्ट की तरह है.

कांग्रेस ने साधा निशाना

ज्योतिरादित्य सिंधिया के संपत्ति विवाद को लेकर आज उन्होंने बयान दिया है कि मेरी जो भी संपत्ति है, वह 300 साल पुरानी है. जांच उनकी होना चाहिए, जो नए-नए महाराजा बने हैं. उनके इस बयान के बाद मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने कहा, जब भारत देश आजाद हुआ और रियासतों का विलय किया गया. तब बाकायदा एक सूची बनाई गई थी कि रियासतों की निजी संपत्ति क्या है और सार्वजनिक संपत्ति जो तत्कालीन राज्य सरकार और भारत सरकार के अधीन होगी. इस सूची में साफ जाहिर है कि कौन सी संपत्ति रियासत की निजी संपत्ति होगी और कौन सी संपत्ति सरकार की हो जाएगी.

ज्योतिरादित्य सिंधिया पर जो भी आरोप लग रहे हैं. अगर वह इन आरोपों को खारिज करना चाहते हैं, तो वह सूची भी जाहिर कर दें, जिसमें उनकी संपत्तियों की जानकारी हो. भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि उस सूची के बाहर की जो भी जमीन खरीदी बेची जा रही है, उनकी जांच होनी चाहिए. उन पर सवाल खड़े होना लाजमी है. ज्योतिरादित्य सिंधिया को साफ करना चाहिए कि यह जमीन सूची में है कि नहीं. उनका कहना है कि हाईकोर्ट के दबाव में क्या यह खासगी ट्रस्ट की जांच सरकार नहीं करवा रही. इसकी शिकायत सुमित्रा महाजन ने खुद की थी, जिसकी रिपोर्ट 2012 में आ गई थी. तो यह जवाब तो बीजेपी को देना पड़ेगा कि 2012 से लेकर 2020 तक कहां सो रहे थी. आज अगर इसमें हाईकोर्ट निर्देश नहीं देता तो क्या संपत्तियों की जांच होने वाली थी, जो खुर्द बुर्द हो रही थी.
Last Updated : Oct 9, 2020, 4:52 PM IST

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