भोपाल।मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आज सुबह-सुबह घटे सियासी घटनाक्रम पर सियासत तेज हो गई है. दरअसल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के निवास पर उनसे मुलाकात करने पहुंचे थे. इस मुलाकात को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं, लेकिन दोनों नेताओं ने इस मुलाकात को एक सामान्य मुलाकात बताया है. वहीं दूसरी तरफ विपक्षी दल कांग्रेस इस मुलाकात को लेकर हमलावर हो गया है. मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष कुणाल चौधरी ने इस मुलाकात को सीएम से सुपर सीएम की मुलाकात बताया है. उन्होंने कहा है कि इन लोगों की अंतर्कलह के चलते मध्यप्रदेश की हालत खस्ता है और मध्यप्रदेश की जनता पस्त है.
गृह मंत्री के घर पहुंचे शिवराज दरअसल मध्यप्रदेश में जिस तरह की राजनीतिक परिस्थितियां बनी हुई हैं, उनको लेकर ये मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है. एक तरफ शिवराज सरकार को दो माह से ज्यादा का वक्त हो गया है और वो अपना दूसरा मंत्रिमंडल विस्तार नहीं कर पा रहे है, इन परिस्थितियों में सिर्फ पांच मंत्रियों के जरिए सूबे की सरकार चल रही है. दूसरी तरफ राज्यसभा चुनावों और उपचुनाव की सियासत चरम पर है. शिवराज मंत्रिमंडल के विस्तार और आगामी राज्यसभा चुनाव को लेकर भाजपा काफी दबाव की स्थिति में है. कांग्रेस छोड़कर गए पूर्व विधायक उपचुनाव के चलते जल्दी से जल्दी मंत्री बनना चाहते हैं. सिंधिया समर्थकों को ज्यादा महत्व दिए जाने के कारण भाजपा के अंदर असंतोष पनप रहा है. वहीं राज्यसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच तीसरी सीट को लेकर कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है. ऐसी परिस्थितियों में ये मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है, हालांकि इस मुलाकात को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि 'मैं मुख्यमंत्री हूं, वो गृहमंत्री हैं, सालों से युवा मोर्चा के जमाने से हम साथ काम करते आए हैं. नरोत्तम जी का बहुत दिनों से आग्रह था कि मैं घर पर आऊं, लंबे समय से नाश्ता ड्यू था, इसलिए आज आया हूं, वैसे तो हम तो रोज मिलते हैं.'वहीं इस मुलाकात को लेकर मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक कुणाल चौधरी ने हमला करते हुए कहा है कि मध्यप्रदेश के राजनीतिक हालातों पर आज जिस तरह से मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री गृह मंत्री के यहां पहुंचे हैं, इससे लगता है कि सीएम, सुपर सीएम से मिलने पहुंचे हैं. जिस प्रकार की स्थिति मध्यप्रदेश में चल रही हैं. लगातार इन लोगों की अंतर्कलह से मध्यप्रदेश की जनता पिस रही है. किसान पिस रहा है, मजदूर पिस रहा है, हर वर्ग की हालत खराब है. राजनीतिक रूप से मध्यप्रदेश की हालत खस्ता है और मध्यप्रदेश की जनता पस्त है.