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Published : Dec 14, 2020, 2:13 PM IST

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शहडोल जिला अस्पताल में बच्चों की मौत पर कांग्रेस ने स्वास्थ्य मंत्री से मांगा इस्तीफा

शहडोल जिला अस्पताल में बच्चों की मौत के मामले में कांग्रेस ने स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल उठाते हुए स्वास्थ्य मंत्री का इस्तीफा मांगा है. कांग्रेस का कहना है कि सीएमएचओ ने मौतों को छुपाने का काम किया है.

Kunal Chaudhary and Shahdol District Hospital
कुणाल चौधरी और शहडोल जिला अस्पताल

भोपाल। शहडोल में मासूमों की मौत का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. वहीं सोमवार को एक बार फिर दो बच्चों की मौत हो गई. जिसके बाद मौत का आंकड़ा 23 पहुंच गया है. इन परिस्थितियों में शहडोल की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े हो रहे हैं. लगातार बढ़ रही मौतों पर कांग्रेस ने स्थानीय अस्पताल प्रबंधन और सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. कांग्रेस ने स्थानीय प्रशासन पर मौतों का आंकड़ा छुपाने का आरोप लगाया है. वहीं व्यवस्था में सुधार ना पाने पर स्वास्थ्य मंत्री का इस्तीफा मांगा है.

कांग्रेस विधायक ने मांगा इस्तीफा

स्वास्थ्य मंत्री तत्काल इस्तीफा दें

विधायक कुणाल चौधरी का कहना है कि स्पष्ट है कि जिस तरह से प्रदेश के अंदर सरकार चल रही है. पहले उस व्यक्ति को विभाग देकर मंत्री बनाया गया,जिसे चुनाव लड़ना था. 9 महीने चुनाव के चक्कर में व्यवस्था बिगाड़ दी. इस कारण स्वास्थ्य की व्यवस्था लचर हो गई. मंत्री को तत्काल इस्तीफा देना चाहिए. विधायक ने कहा कि लगातार मौतें हो रही हैं. जवाबदार व्यक्ति जवाब देने की जगह मौतों को छुपाने का काम कर रहे हैं. कांग्रेस की जांच कमेटी शहडोल पहुंची, तो उजागर हुआ कि इतनी मौतें हुई हैं. सीएमएचओ ने मौतों को छुपाने का काम किया है. लगातार लचर व्यवस्था के कारण इस तरह की चीजें सामने आ रही है. स्वास्थ्य मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए.

कांग्रेस ने भेजा था जांच दल, लगाया मौतें छुपाने का आरोप

शहडोल में मासूमों की मौत को गंभीरता से लेते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने दो विधायक और दो जिला अध्यक्ष सहित पांच लोगों की टीम बनाई थी. जांच दल ने शहडोल जाकर अस्पताल की व्यवस्थाओं का दौरा किया था. जांच दल ने रिपोर्ट में कहा था कि काफी बदतर व्यवस्था के कारण बच्चों की लगातार मौत हो रही है. जांच दल ने शहडोल के सीएमएचओ पर बच्चों की मौत के आंकड़े छुपाने का आरोप भी लगाया था.

दो और बच्चों की मौत

बताया जा रहा है कि उमरिया जिले के टिकरी टोला पाली से 4 माह की बच्ची को जिला अस्पताल लाया गया था. डॉक्टरों ने जांच की तो उसकी सांसें थम चुकी थी. डॉक्टरों ने पीआईसीयू में उसे रिवाइव करने की कोशिश की जहां प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि बच्ची की मौत बुखार व सर्दी के कारण हुई है. मामला दिमागी बुखार का भी लग रहा है. बच्ची की हालत बेहद गंभीर होने के बाद परिजन उसे लेकर यहां आए थे.

पढ़ें:शहडोल जिला अस्पताल में दो और बच्चों की हुई मौत, अब तक 23 मासूम तोड़ चुके हैं दम

श्वास नलीं में दूध जाने से हुई मौत

वहीं जिला अस्पताल में दूसरे बच्चे की जो मौत बताई जा रही है, वह 4 माह की एक बच्ची है. बच्ची को उमरिया जिले के चननिया गांव से करीब 4 दिन पहले यहां इलाज के लिए लाया गया था. बच्चे की श्वास नली दूध चले जाने से बच्ची की मौत हु

सीत से पीड़ित थे बच्चे

जिला अस्पताल के एसएनसीयू में रविवार तक टोटल 28 बच्चे भर्ती थे. जबकि पीआईसीयू में 7 बच्चे भर्ती हैं, सभी का इलाज चल रहा है. महिला एवं बाल विकास विभाग के मैदानी अमले ने रविवार को 48 गांव का सर्वे किया और 839 बच्चों की स्क्रीनिंग की. इस दौरान क्षेत्र के बच्चों को इलाज योग्य पाया गया. दो बच्चों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, अधिकांश बच्चे सीत जनित बीमारियों से पीड़ित थे.

अब तक 23 बच्चों की हो चुकी है मौत

गौरतलब है कि शहडोल जिला चिकित्सालय में पिछले 26 नवंबर से लेकर 13 दिसंबर तक टोटल 20 बच्चों की मौत हुई थी. जबकि जिले में इस दौरान सिलसिलेवार तरीके से बच्चों की मौत का आंकड़ा 23 हो गया है. बच्चों की मौत का मामला प्रदेश में सुर्खियों में रहा. प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री भी निरीक्षण करने के लिए शहडोल जिला चिकित्सालय पहुंचे थे. जहां उन्होंने सीएमएचओ और सिविल सर्जन को भी पद से हटाने के निर्देश दिए थे. उसके बाद जिला अस्पताल में सिविल सर्जन और सीएमएचओ को भी प्रभार से हटा दिया गया है. नए सीएमएचओ और सिविल सर्जन भी पदस्थ कर दिए गए हैं. फिर भी जिस शहडोल जिला अस्पताल में बच्चों की मौत का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है.

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