भोपाल।पोषण आहार घोटाले को लेकर सत्तापक्ष को घेरने कांग्रेस द्वारा लगाए गए 15 स्थगन प्रस्तावों पर सदन में चर्चा नहीं हो सकी. इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष की जोरदार नारेबाजी के बीच अपना वक्तव्य पेश किया. कांग्रेस द्वारा स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा कराए जाने की तमाम मांगों को विधानसभा अध्यक्ष द्वारा स्वीकार नहीं किया गया, हालांकि उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के वक्तव्य के बाद अपनी बात रख सकेंगे, लेकिन सत्तापक्ष के विधायकों की आपत्ति के चलते कांग्रेस अपनी बात सदन में नहीं रख सके. अपने वक्तव्य में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पोषण आहार मामले की जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा. उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.Congress ruckus in monsoon session of MPAssembly, MP Legislative Assembly, Second day of mp Assembly monsoon session
MP Assembly Monsoon Session पोषण आहार को लेकर हंगामा, तख्तियां लेकर जाने पर कांग्रेस विधायकों को रोका, पुलिस से धक्का-मुक्की
मुख्यमंत्री ने कहा दोषी पर होगी कड़ी कार्रवाई:कांग्रेस के कड़े विरोध के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पोषण आहार मामले पर अपना वक्तव्य दिया. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कैग की रिपोर्ट को अंतिम नहीं माना जाता. कैग अपनी रिपोर्ट विभाग को भेजती है. इसके बाद विभाग जांच करती है और इसे कैग को फिर भेजा जाता है. सरकार इस मुद्दे को लेकर बेहद गंभीर है और इसको लेकर जांच कराई जा रही है. टेक होम राशन के मामले में परिवहन और अमानक खाद्य कांग्रेस के समय का है, निसमें 26 करोड़ रोका गया है. इन सभी मामले की जांच की जा रही है. सरकार पोषण आहार संयत्र स्थापित किए गए है. इसे सरकार ने स्वा सहायता समूह को सौंप दिए हैं, कांग्रेस ने इसे ठेकेदारों को सौंप दिया था. सरकार मामले पर चर्चा को तैयार थी, लेकिन विपक्ष इस पूरे मुद्दे पर चर्चा से भागती रही. यही वजह है कि उन्होंने चर्चा में हिस्सा ही नहीं लिया. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस के समय के ये मामले हैं, इसलिए कांग्रेस इस पर चर्चा नहीं कराना चाहती थी. चर्चा होती तो कांग्रेस के पाप सामने आ जाते. कांग्रेस के पास कोई तथ्य नहीं हैं.