भोपाल।मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रीदिग्विजय सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 30 सितंबर को नामांकन दाखिल करेंगे. कांग्रेस प्रमुख के चुनाव के बाद से ही गहलोत के नाम को लेकर चर्चाएं तेज थी, लेकिन रविवार रात जयपुर में हुए सियासी ड्रामे ने समीकरण बदल दिए. अब दिग्विजय का मुकाबला केरल से सांसद शशि थरूर से है. दिग्विजय सिंह 53 साल से राजनीति में सक्रिय हैं. लेकिन इस दौरान वह विवादों में भी रहे हैं.
विवादों से है दिग्विजय सिंह का पुराना नाता विवादों से है दिग्विजय सिंह का पुराना नाता :साल 1998 के दौरान जब दिग्विजय सिंह मुख्यमंत्री थे तब मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के मुलताई में किसान आन्दोलन के दौरान पुलिस फायरिंग में करीब 24 किसानों को गोली मारी गई थी. हालांकि पुलिस ने 17 लोगों की मौत की बात कही थी. उस वक्त भी दिग्विजय विवादों में रहे. उनपर मृतकों की संख्या छुपाने के आरोप लगे. साल 2011 में जब अमेरिका ने अल-कायदा प्रमुख बिन लादेन को मार दिया था. दिग्विजय सिंह ने ओसामा बिन लादेन की मौत को लेकर सवाल उठाए थे, उन्होंने ओसामा को ओसामा जी कह दिया. इस बात पर काफी विवाद हुआ था.
अपनी ही पार्टी की सांसद पर की थी अभ्रद टिप्पणी:साल 2013 के दौरान दिग्विजय सिंह ने बिहार के बोध गया में हुए बम ब्लास्ट के साथ भाजपा का नाम जोड़ा गया था. इसके बाद दिग्विजय सिंह को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा. दिग्विजय सिंह के एक ट्वीट ‘बच्चा-बच्चा राम का, राघव जी के काम का’ लेकर किए गए ट्वीट को लेकर आरएसएस के स्वयंसेवक ने उनके खिलाफ एक शिकायत दर्ज कराई थी. साल 2011 में दिग्विजय सिंह ने आरएसएस पर आरोप लगाते हुए बटाला हाउस मुठभेड़ को फर्जी बता डाला था. दिग्विजय सिंह को कांग्रेस पार्टी की ही एक सांसद मीनाक्षी नटराजन को लेकर अभ्रद टिप्पणी के चलते भी आलोचनाएं सहनी पड़ी थीं.
दिग्विजय के खिलाफ तेलंगाना पुलिस ने किया था केस:दिग्विजय सिंह ने साल 2017 मई में एक ट्वीट कर कहा था कि तेलंगाना पुलिस ने मुसलमान युवकों को कट्टरपंथी बनाने के लिए आरएसएस की एक नकली वेबसाइट का निर्माण किया गया है. जिसके चलते तेलंगाना पुलिस ने उनके खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज किया था. साल 2021 में दिग्विजय सिंह ने सरस्वती शिशु मंदिर को लेकर आपत्तिजनक बयान देते हुए कहा था कि यहां बचपन से ही सबके दिलो-दिमाग में दूसरे धर्मों के लिए नफरत भरी जाती है. अपने इस बयान को लेकर भी उन्हें काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था.
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सोशल मीडिया पर हुए ट्रोल, बयान भी वापस लेना पड़े:दिग्विजय सिंह को कांग्रेस का चाणक्य कहा जाता है. लेकिन आपको बता दें कि कांग्रेस के इस चाणक्य को कई बार गलत ट्वीट करने पर बैक फुट पर आना पड़ा. ट्विटर पर गलत फोटो पोस्ट किए और विवाद को जन्म दिया. दिग्गी राजा इससे पहले भी सोशल मीडिया में अपने गलत पोस्ट करने को लेकर जमकर ट्रोल भी हो चुके हैं और बीजेपी के निशाने पर भी रहे हैं. दिग्विजय सिंह ने पाकिस्तान के एक पुल की तस्वीर ट्वीट करते हुए दावा किया था कि यह भोपाल में बना एक रेलवे पुल है. गलत पोस्ट करने पर जब ट्रोल हुए तो अपने ट्वीट के लिये माफी मांग ली. एक अन्य ट्वीट में दिग्विजय सिंह ने ट्विटर पर हाथी को शेर का बच्चा ले जाते हुए दिखाया, साथ में शेर चल रहा है. तस्वीर पोस्ट करते हुए उन्होंने लिखा कि कई बार ऐसा महसूस होता है कि जानवरों में हमसे ज्यादा सहिष्णुता और संवेदनशीलता होती है. वाकई अद्भुत चित्र है, लेकिन वह फोटो फेब्रिकेटेड निकली.
इलाहाबाद की सड़कों को बताया MP की सड़कें:मध्य प्रदेश की सड़कों को लेकर की गई अपनी पोस्ट को लेकर भी दिग्गी बीजेपी के निशाने पर रहे हैं. ट्विटर पर दिग्विजय सिंह ने गड्ढे वाली सड़कों का एक फोटो ट्वीट किया और उसमें लिखा कि शिवराज जी प्रदेश के मामू, कहते हैं वाशिंगटन की सड़कों से मध्य प्रदेश की सड़कें बेहतर हैं. ट्विटर पर किए गए दिग्विजय सिंह के कटाक्ष का बीजेपी ने सही फोटो शेयर करते हुए लिखा कि दिग्विजय सिंह जी को झूठ बोलने की इतनी आदत हो गई है कि वे 2015 की इलाहाबाद की सड़कें जो कि अखिलेश सरकार के जमाने की हैं उसे मध्य प्रदेश की बता रहे हैं. बीजेपी ने लिखा आप मुख्यमंत्री थे तब मध्यप्रदेश में इसी तरह की सड़कें हुआ करती थीं, वही आप याद कर रहे हैं.
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