भोपाल। कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं. शनिवार को भोपाल जिला अदालत ने आरिफ मसूद की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है. धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के मामले में दर्ज हुई FIR के बाद आरिफ मसूद ने भोपाल जिला अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी.
धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की धाराओं के तहत दर्ज हुआ है मुकदमा
फ्रांस के राष्ट्रपति के खिलाफ इकबाल मैदान पर विरोध प्रदर्शन करने के मामले में भोपाल पुलिस ने आरिफ मसूद के खिलाफ दो FIR दर्ज की हैं. इनमें से एक FIR धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की धाराओं के तहत है दर्ज की गई है. यह धाराएं गैर जमानती हैं. लिहाजा आरिफ मसूद ने अग्रिम जमानत याचिका भोपाल जिला अदालत में दायर की थी, जिस पर कोर्ट ने सुनवाई की और सुनवाई के बाद अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है.
जल्द हो सकती है गिरफ्तारी
भोपाल जिला अदालत से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद माना जा रहा है कि किसी भी वक्त कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद की गिरफ्तारी की जा सकती है. बताया जा रहा है कि जिस दिन आरिफ मसूद के खिलाफ धारा 153 ए के तहत मामला दर्ज किया गया था, उस दिन से ही आरिफ मसूद बिहार चुनाव में प्रचार करने गए हुए हैं. वहीं जानकारों का कहना है कि भोपाल जिला अदालत से जमानत याचिका खारिज होने के बाद अब आरिफ मसूद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं.
क्या है मामला
फ्रांस के राष्ट्रपति ने मोहम्मद पैगंबर का कार्टून बनाया और उनके खिलाफ अभद्र टिप्पणी की. जिसके चलते दुनियाभर के मुस्लिम समुदाय में आक्रोश है. मुस्लिम समाज राष्ट्रपति से माफी मांगने की अपील कर रहा है. मुस्लिम समुदाय के रहनुमाओं का कहना है कि जब तक वह माफी नहीं मांगेंगे तब तक इसी तरह के आंदोलन विश्व भर में जारी रहेंगे. फ्रांस में हुए कार्टून विवाद के बाद कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने भोपाल के इकबाल मैदान में विरोध प्रदर्शन किया था, जिसके बाद विधायक पर कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन करने का मामला दर्ज किया गया. इस दौरान प्रदर्शन को लेकर राजनीति के गलियारों में भी बयानबाजी का दौरा शुरू हो गया. इसे लेकर भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी थी. तो वहीं प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा के लिए भी सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया गया था. इधर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी कानून व्यवस्था को लेकर एक बैठक बुलाई, जिसमें पुलिस विभाग के आला अधिकारी मौजूद रहे. माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद ही आरिफ मसूद के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का मामला दर्ज किया गया और मसूद के कॉलेज पर भी बुलडोजर चलाने की कार्रवाई की गई.