भोपाल।उपचुनाव प्रशासन केके मिश्रा की सुरक्षा हटाए जाने पर मप्र कांग्रेस का कहना है कि केके मिश्रा ज्योतिरादित्य सिंधिया के भूमि घोटाले के खिलाफ मुखर हैं. वे भाजपा राज में पनपे माफियाओं के खिलाफ लगातार हमले कर रहे हैं. इसलिए उनकी सुरक्षा हटाई गई है. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने नाराजगी जताते हुए तत्काल सुरक्षा बहाल करने की मांग की है. कांग्रेस का कहना है कि माफिया के खिलाफ हर वक्त अपनी आवाज बुलंद करने वाले केके मिश्रा को सिंधिया के भूमि घोटाले को लेकर आवाज मुखर करने की सजा दी गई है.
उपचुनाव के लिए एक ग्वालियर चंबल संभाग के सह प्रभारी राम पांडे का कहना है कि भाजपा बदले की भावना से काम करती है. चाहे केके मिश्रा की सुरक्षा हटाई गई हो, चाहे बंगले की राजनीति हो या फिर केंद्रीय नेतृत्व की सुरक्षा हटाई गई हो. भाजपा के अंदर हीन भावना भरी हुई है. राम पांडे ने कहा कि जब हमारी 15 माह की सरकार थी, तब इनके मंत्री नरोत्तम मिश्रा और दूसरे मंत्रियों ने बंगले खाली नहीं किए थे. अभी कोरोना संकट में नया घर ढूंढना मुश्किल है, बारिश का समय है, ऐसे में पूर्व मंत्रियों से जबरदस्ती बंगले खाली कराए जा रहे हैं.
प्रदेश सरकार की होगी जिम्मेदारी
केके मिश्रा की सुरक्षा हटाए जाने पर राम पांडे ने कहा कि केके मिश्रा मुखर होकर बोलते हैं और सच्चाई को उठाते हैं. रेत माफिया और भू-माफियाओं के विरोध में बोलते हैं. इस समय मध्यप्रदेश में हर तरह के माफिया का राज है, जिसे उजागर कर रहे हैं. उन्होंने कहा जब केके मिश्रा ज्योतिरादित्य सिंधिया के भूमि घोटाले को भी उजागर कर रहे हैं, तो इस समय उनके लिए माफियाओं से खतरा है, ऐसे समय उनकी सुरक्षा नहीं हटाया जाना चाहिए. यदि ऐसे में केके मिश्रा के साथ कुछ होता है, तो उसकी पूरी जवाबदारी प्रदेश सरकार की होगी.
दिग्विजय सिंह ने किया ट्वीट
केके मिश्रा की सुरक्षा हटाना बेहद अनुचित है, जबकि वे होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस के प्रभारी के रूप में जिम्मेदारी निभा रहे हैं. तत्काल सुरक्षा की व्यवस्था सरकार करें. कोई भी अप्रिय घटना होती है, तो जवाबदारी मध्यप्रदेश सरकार की होगी.