भोपाल।पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का इमरती देवी पर दिया गया आपत्तिजनक बयान तूल पकड़ता जा रहा है, हालांकि कमलनाथ ने मामले में माफी मांगने से इनकार कर दिया है. दूसरी ओर उनकी पार्टी के नेताओं का कहना है कि, कमलनाथ को अपने बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए. ताजा प्रतिक्रिया माणक अग्रवाल ने दी है. कांग्रेस के ही नेताओं का मानना है कि, कमलनाथ पहले ही खेद प्रकट कर चुके हैं.
माणक अग्रवाल ने की माफी की मांग
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता माणक अग्रवाल ने इस मामले में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, राहुल गांधी कांग्रेस के सबसे बड़े नेता हैं. सभी कार्यकर्ता और नेता उनकी बात मानते हैं. यदि राहुल गांधी ने कहा कि, ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए, तो कमलनाथ को अपने शब्दों के लिए तुरंत माफी मांगनी चाहिए. अग्रवाल ने कहा, अभी भी समय है, कमलनाथ को तुरंत माफी मांगनी चाहिए. हालांकि कमलनाथ माफी मांगने को तैयार नहीं हैं.
कांग्रेस के पूर्व मीडिया प्रभारी और पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष माणक अग्रवाल का कहना है कि, राहुल गांधी कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ नेता हैं. सारे कांग्रेसजन चाहे वो मध्यप्रदेश के हों या हिंदुस्तान के, उनके मार्गदर्शन में काम करते हैं. भाजपा सहित जितनी भी विपक्षी पार्टियां हैं, उन पर आक्रमण करती रहती हैं, लेकिन वो सत्य से कभी डिगते नहीं हैं. इमरती देवी के मामले में भी उन्होंने सत्य का पक्ष लिया है और मैं समझता हूं, जब उन्होंने कहा है कि, ये गलती हुई है, तो उसके बाद कमलनाथ को तत्काल माफी मांग लेनी चाहिए.
'मानक अग्रवाल की अपनी निजी राय'
माणक अग्रवाल का बयान आने के बाद कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि, इस मामले में कमलनाथ पहले ही खेद प्रकट कर चुके हैं और इस मामले का पटाक्षेप हो चुका है, जो बात अभी निकल कर आ रही है, वो मानक अग्रवाल की अपनी निजी राय हो सकती है, गुप्ता ने कहा कि, 'कांग्रेस में कोई भी नेता इतना बड़ा नहीं, जो कमलनाथ और राहुल गांधी के बीच में बातचीत कर सकें. राहुल गांधी की इच्छा अनुरूप कमलनाथ पहले ही खेद व्यक्त कर चुके हैं'. उन्होंने कहा कि, 'अब तो शिवराज सरकार के मंत्री बिसाहूलाल सिंह के द्वारा दिए गए बयान पर बात होनी चाहिए, उन्होंने बहुत ही गंदे शब्दों का उपयोग कांग्रेस प्रत्याशी की पत्नी के लिए किया है. यहां तक कि, एक कैबिनेट मंत्री के द्वारा भगवान राम तक के लिए गलत शब्दों का उपयोग किया गया है. सीएम शिवराज सिंह चौहान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मामले पर माफी मांगी चाहिए. क्योंकि जिस व्यक्ति के द्वारा यह बयान दिया गया है, वो भारतीय जनता पार्टी की सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं'.