भोपाल। कमलनाथ सरकार के कार्यकाल में स्वीकृत करोड़ों रुपए की स्वेच्छानुदान राशि का वितरण मामले में मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व मंत्री सुरेंद्र चौधरी ने सागर संभाग के कमिश्नर अजय सिंह गंगवार से सख्त आपत्ति दर्ज कराई है. चौधरी ने संभाग कमिश्नर से सख्त आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा है कि, स्वेच्छानुदान राशि गरीब असहाय जरूरतमंद लोगों के लिए होती है. उन्होंने मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में स्वीकृत स्वेच्छानुदान राशि का बेजा इस्तेमाल सुरखी विधानसभा क्षेत्र में होने वाले उपचुनाव को जीतने के लिए करते का आरोप लगाया है.
बैक डेट में करोडों की स्वेच्छानुदान राशि सुरखी विधानसभा क्षेत्र में स्वीकृत की गई - कांग्रेस
कमलनाथ सरकार के कार्यकाल में स्वीकृत करोड़ों रुपए की स्वेच्छानुदान राशि के वितरण मामले में मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष ने आपत्ति दर्ज कराई है. उन्होंने मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर सुरखी विधानसभा उपचुनाव जीतने के लिए इस राशि के बेजा इस्तेमाल का आरोप लगाया है.
मप्र कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष सुरेंद्र चौधरी ने कहा है कि, गोविंद सिंह राजपूत नें 10 मार्च को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने और मंत्री पद से हटाए जाने के बाद उन्हें स्वेच्छानुदान राशि स्वीकृत करने का कोई अधिकार नहीं रह जाता है. बावजूद इसके शासन प्रशासन की सांठगांठ के चलते बैक डेट में करोडों रुपए की स्वेच्छानुदान राशि सुरखी विधानसभा क्षेत्र में स्वीकृत की गई और उपचुनाव जीतने की गरज से इस राशि का बेजा इस्तेमाल कर वितरण किया जा रहा है. सुरेंद्र चौधरी ने कहा, जिला कोषालय अधिकारी सागर के हस्ताक्षर से जारी शासकीय चेक सुरखी विधानसभा निवासी ऋषि चौबे नामक व्यक्ति को दिनांक 28 मार्च 2020 को जारी 5 हजार के चेक से राशि का अनाधिकृत आहरण किया जा रहा है.
सुरेंद्र चौधरी का कहना है कि, शासन के जारी निर्देशानुसार समस्त प्रकार के भुगतान ऑनलाइन किए जाना चाहिए और चेक से भुगतान किए जाने की स्थिति में जवाबदार प्रशासनिक अमले के माध्यम से वितरण किए जाने के निर्देश हैं, लेकिन शासन के निर्देशों के विपरीत करोड़ों रुपए की राशि का वितरण किया जा रहा है. चौधरी ने संभाग कमिश्नर से मांग करते हुए कहा है कि, कमलनाथ सरकार के कार्यकाल में सुरखी विधानसभा क्षेत्र में स्वीकृत स्वेच्छानुदान राशि की स्वीकृति, वितरण की जांच की जाकर चेकों को तत्काल जब्त कर दोषियों पर कार्रवाई की जाए. साथ-साथ विधानसभा क्षेत्र में स्वीकृत स्वेच्छानुदान राशि की सूची को सार्वजनिक किया जाए.