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बीजेपी पर हमेशा हमलावर होने वाले दिग्गी राजा पेगासस पर हो गए चुप, ट्वीट का दे दिया हवाला

भोपाल में सोमवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में पेगासस के सावल पर दिग्विजय सिंह कुछ नहीं बोले. इस सवाल पर उन्होंने अपने ट्वीट का हवाला दिया और सवाल से किनारा कर गए.

Digvijay Singh
दिग्विजय सिंह

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Published : Jul 19, 2021, 9:11 PM IST

भोपाल। पेगासस फोन रिकॉर्डिंग मामले पर दिग्विजय सिंह ने चुप्पी साध ली है. भोपाल में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिग्विजय सिंह से सवाल किया गया कि फोन जासूसी में दो केंद्रीय मंत्रियों और अन्य नेताओं के नाम सामने आए हैं, जिनकी रिकॉर्डिंग हुई है. इस पर उन्होंने कहा कि मैंने एक ट्वीट किया है, उसे पढ़िए.

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिग्विजय सिंह.

पेगासस पर कुछ नहीं बोले दिग्विजय सिंह
हमेशा बीजेपी और अन्य मामलों पर खुलकर बोलने वाले दिग्विजय सिंह पेगासस फोन रिकॉर्डिंग पर ज्यादा नहीं बोले. हालांकि दिग्विजय सिंह ने कहा कि मुझे पता है कि इस तरह की जासूसी होती है. मेरा फोन नंबर का जिक्र भीमा कुरे गांव नक्सली केस में आया था, लेकिन मैंने पहले ही वो नंबर बन्द कर दिया था. दिग्विजय सिंह ने कहा कि मैंने उसमें व्हाट्सएप भी कभी उपयोग नहीं किया था. मुझे फंसाने की कोशिश की गई थी, लेकिन वह नंबर पहले ही बंद कर दिया था. यही कारण रहा कि वे मुझे नहीं फंसा सके.

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पेगासस स्पाइवेयर के मामले पर दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया है कि दिग्विजय सिंह ने 28 नवंबर 2019 को सरकार से पेगासस के विषय में सवाल पूछे थे. 18 जुलाई को भी उन्होंने इस बारे में ट्वीट किया और सरकार पर जासूसी कराने का आरोप लगाया. ट्वीट में दिग्विजय सिंह ने लिखा कि इसके बाद मैंने मंत्री जी को पत्र लिखकर, जिन लोगों के फोन हैक हुए थे सूची उजागर करने का अनुरोध किया था, जो व्हाट्सएप ने उन्हें भेजी थी. आज तक मुझे पत्र का उत्तर नहीं मिला.

जासूसी मामले में सरकार स्थिति करे स्पष्टः कांग्रेस प्रवक्ता
पेगासस स्पाइवेयर को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने कहा कि भारत में जिस तरह से नेताओं, पत्रकारों और राजनायिकों की जासूसी हुई है, यह मामला बहुत गंभीर है. सरकार को इस मामले में स्थिति स्पष्ट करना चाहिए. उन्होंने कहा कि किन लोगों की जासूसी कराई गई और क्यों कराई गई. किस तरह के राजनीतिक हितों को साधने के लिए यह षड़यंत्र किया गया. सरकार को इस गंभीर मामले में स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए.

क्या है मीडिया रिपोर्ट में, जानें
जानकारी के अनुसार, पेगासस स्पाइवेयर द्वारा जिन 300 लोगों की जासूसी का दावा किया जा रहा है, उसमें मप्र के नेता और केंद्रीय मंत्री का नाम भी मीडिया रिपोर्ट में सामने आया है. इतना ही नहीं उनकी पत्नी, ड्राइवर और कुल तक के फोन नंबर भी भारत के उन 300 प्रमाणित नंबरों की सूची में शामिल हैं, जिनकी निगरानी के लिए इजराइल के एनएसओ ग्रुप के एक भारतीय क्लाइंट द्वारा पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल करने की योजना बनाई गई थी.

पेगासस मामले में बीजेपी ने किया पलटवार
पेगासस फोन टेपिंग मामले पर बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि मोदी सरकार को बदनाम करने की कोशिश विपक्ष के वे नेता कर रहे हैं, जो कि विदेशी फंडिंग लेते रहे हैं और देश में कई तरह के घोटालों को अंजाम देते रहे हैं. जिस इजराइल एजेंसी की बात कर रहे हैं, उसका स्पष्टीकरण भी आ चुका है. कांग्रेस की शिगूफाबाजी है इसमें न कोई तथ्य और न ही कोई सबूत. यह वह लोग हैं, जो ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं.

मोदी सरकार को बदनाम करने की कोशिश
एक निजी न्यूज वेबसाइट को जो 38 करोड़ का चंदा मिला है, इस पर से ध्यान भटकाने की कोशिश है और मोदी सरकार को बदनाम करने के सिवा और कुछ नहीं है. यूपीए सरकार में फोन टैपिंग, नीरा राडिया कांड के अलावा कई घोटाले उजागर हुए. कांग्रेस खुद आइना देखें. दूसरों को दिखाने की कोशिश ना करें.

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