भोपाल।देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की महानायिका रानी लक्ष्मीबाई की जयंती आज कांग्रेस कार्यालय में संयुक्त रूप से मनाई गई. इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी सहित मध्य प्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने दोनों महानायिकाओं को श्रद्धा सुमन अर्पित किए. इंदिरा गांधी के साथ रानी लक्ष्मीबाई की जयंती मनाए जाने पर सियासी गलियारों में मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं जोर पकड़ रही हैं. वहीं कांग्रेस का कहना है कि आजादी के तमाम महानायक को कांग्रेस ने ही सम्मान दिया है ना कि बीजेपी ने.
कांग्रेस ने इंदिरा गांधी के साथ मनाई लक्ष्मीबाई की जयंती, कहा-आजादी के नायकों को हमने ही दिया सम्मान
मध्य प्रदेश कांग्रेस ने आज इंदिरा गांधी और रानी लक्ष्मीबाई की जयंती संयुक्त रूप से मनाई. जिसको लेकर एक बार फिर प्रदेश में सियासत गर्माने लगी है. वहीं कांग्रेस का कहना है कि आजादी के संग्राम के नायकों केवल हमने सम्मान दिया, बीजेपी ने नहीं.
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में इंदिरा गांधी की जयंती हर साल धूमधाम से मनाई जाती थी. लेकिन इस बार इंदिरा गांधी की बराबरी से ही रानी लक्ष्मीबाई की जयंती मनाई गई. कांग्रेस का कहना है कि हम हमेशा से रानी लक्ष्मीबाई की जयंती मना रहे हैं और आजादी के महानायक और महा नायिकाओं को कांग्रेस ने ही सम्मान दिया है. आज देश और प्रदेश में आजादी में संघर्ष करने वाले लोगों की जो मूर्तियां और स्मारक बनाए गए हैं, वह कांग्रेस की देन है. बीजेपी ने कभी आजादी के नायकों को सम्मान नहीं दिया है.
अब तक बीजेपी रानी लक्ष्मीबाई का सम्मान करती थी और उनकी शौर्य गाथा के साथ सिंधिया घराने द्वारा की गई बगावत को लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया परिवार पर निशाना साधती थी. लेकिन जब से ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से बगावत की है. तो कांग्रेस लगातार रानी लक्ष्मीबाई के साथ सिंधिया परिवार की बगावत को मुद्दा बनाकर सिंधिया परिवार को गद्दार ठहरा रही है. इंदिरा गांधी के साथ जो रानी लक्ष्मीबाई का जन्मदिन मनाया जाना, इसी बात का संदेश माना जा रहा है.
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