भोपाल। अतिक्रमण हटाने के दौरान पुलिस के द्वारा की गई दलित दंपति की पिटाई का मामला सियासी रंग ले चुका है. कांग्रेस ने पूरे मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है. समिति 17 जुलाई को गुना पहुंचेगी और पीड़ित परिवार से मुलाकात कर मामले की जांच करेगी. जांच समिति मामले की रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को सौंपेगी. पुलिस की टीम ने दलित किसान दंपति की जमकर पिटाई की थी और इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पूरे देश में इसको लेकर सियासी बवाल मच गया है.
राजीव सिंह - संगठन महामंत्री, कांग्रेस कांग्रेस प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने घटना को गंभीरता से लेते हुए आदेश जारी किए हैं कि, गुना में 15 जुलाई 2020 को दलित परिवार के साथ अत्यंत वीभत्स तरीके से पुलिस द्वारा पिटाई की गई और उनके परिवार की महिला के साथ दुर्व्यवहार किया गया, ये अत्यंत निंदनीय हैं. घटनाक्रम में दलित दंपत्ति ने जहर खा लिया, जो अत्यंत दुखदाई है. घटना की जांच के लिए एक समिति का गठन किया गया है. जिसमें पूर्व मंत्री बाला बच्चन, मध्य प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत, पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह, पूर्व विधायक फूल सिंह बरैया, मध्य प्रदेश कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष सुरेश चौधरी, विधायक हीरालाल अलावा और मध्य प्रदेश कांग्रेस की प्रवक्ता विभा पटेल को शामिल किया गया है. ये समिति 17 जुलाई को गुना पहुंचेगी और गुना पहुंचकर पीड़ित परिवार से मुलाकात करके अपनी रिपोर्ट तैयार कर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को सौंपेगी.
सुरेंद्र चौधरी - सदस्य, जांच कमेटी घटना को लेकर जांच कमेटी के सदस्य सुरेंद्र चौधरी का कहना है कि, 'गुना जिले के थाना कैंट अंतर्गत जनकपुर चक निवासी दलित किसान दंपत्ति पर पुलिस द्वारा बर्बरता पूर्ण किए गए लाठीचार्ज की घटना की कड़ी निंदा करता हूं. उन्होंने कहा है कि, शिवराज सरकार प्रदेश को कहां ले जा रही है, ये कैसा जंगलराज है. यदि पीड़ित परिवार का जमीन संबंधी कोई विवाद है, तो उसे कानूनी तरीके से हल किया जा सकता था, लेकिन इस तरह से कानून हाथ में लेकर दलित दंपति और उनके मासूम बच्चों की बेरहमी से पिटाई करना कहां का न्याय है'.