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नगर निगम चुनाव के चलते टला कांग्रेस कार्यकारिणी का गठन, जातीय और क्षेत्रीय संतुलन बनाने में जुटे कमलनाथ - भोपाल न्यूज

उपचुनाव के बाद से ही मध्य प्रदेश में कांग्रेस कार्यकारिणी के नए तरीके से गठन करने की कवायद की जा रही है, इसके लिए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने सोनिया गांधी से अनुमति भी ले ली है, लेकिन नगरीय निकाय चुनाव के कारण फिलहाल कांग्रेस ने इस टल दिया. कांग्रेस का कहना है कि पार्टी का पूरा फोकस निकाय चुनाव जीतने पर है.

Kamal Nath
कमलनाथ

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Published : Dec 12, 2020, 1:41 PM IST

भोपाल। उपचुनाव के परिणाम के बाद से ही मध्य प्रदेश कांग्रेस संगठन में फेरबदल की कवायद चल रही है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ इस विषय पर हाईकमान से अनुमति भी ले चुके हैं, लेकिन नगरीय निकाय चुनाव के कारण फिलहाल इस कवायद को रोक दिया गया है. हालांकि फेरबदल की सूची, जातीय और क्षेत्रीय संतुलन बनाने की कवायद कांग्रेस में अभी भी चल रही है. लेकिन नई कार्यकारिणी की घोषणा नगरीय निकाय चुनाव के बाद ही की जाएगी. मौजूदा कार्यकारिणी भंग होने और नई कार्यकारिणी की घोषणा के बीच एक तदर्थ समिति कामकाज संभालेगी, जिस की सूची भी तैयार हो चुकी है, लेकिन फिलहाल इसे विराम दे दिया गया है.

कांग्रेस कार्यकारिणी का गठन टला
सोनिया गांधी से मिलकर संगठन में फेरबदल की अनुमति ले चुके हैं कमलनाथ

उपचुनाव के परिणाम के बाद कमलनाथ ने दिल्ली दौरा किया था और कांग्रेसी अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी. इस दौरे में कमलनाथ ने सोनिया गांधी से प्रदेश कार्यकारिणी के नए तरीके से गठन को लेकर भी अनुमति ले ली थी. कमलनाथ के दिल्ली दौरे के बाद से ही नई कार्यकारिणी के गठन की कवायद शुरू हो गई थी. तय किया गया था कि पुरानी कार्यकारिणी के समाप्त होने और नई कार्यकारिणी के गठन के बीच में एक तदर्थ समिति कामकाज संभालेगी और तदर्थ समिति की सूची भी तैयार हो गई है.

नगरीय निकाय चुनाव के कारण टाल दी गई नई कार्यकारिणी के गठन की घोषणा

आलाकमान से अनुमति मिलने के बाद और तदर्थ समिति की सूची तैयार होने के बाद कांग्रेस नई प्रदेश कार्यकारिणी के पुनर्गठन की कवायद में जुट गई थी. कांग्रेस पुरानी कार्यकारिणी को भंग कर तदर्थ समिति को कामकाज सौंपती, इसके पहले मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव की सुगबुगाहट तेज हो गई. आरक्षण प्रक्रिया और चुनाव प्रक्रिया शुरू हो जाने के कारण प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने संगठन के पुनर्गठन की कवायद को फिलहाल टाल दिया है, हालांकि यह सारी कवायद चल रही है. लेकिन अगर यह निकाय चुनाव के बाद ही इसकी घोषणा की जाएगी.

मप्र प्रभारी राष्ट्रीय महासचिव-प्रभारी सचिवों का दौरा
अचानक नगरीय निकाय चुनाव आ जाने के कारण अब कांग्रेस ने नई प्रदेश कार्यकारिणी के गठन के पहले सभी संभाग और जिलों में कांग्रेस की स्थिति की समीक्षा के लिए काम शुरू कर दिया है. एक तरफ जहां चार प्रभारी राष्ट्रीय सचिवों को संभागवार प्रभार दे दिया गया है, तो दूसरी तरफ राष्ट्रीय महासचिव और मध्य प्रदेश के प्रभारी मुकुल वासनिक भोपाल, सागर,जबलपुर और रीवा संभाग का दौरा कर इन संभाग के सभी जिलों के कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बैठक लेने वाले हैं.

जातीय और क्षेत्रीय संतुलन बनाने की कवायद में जुटे कमलनाथ
कमलनाथ मध्य प्रदेश कांग्रेस की नई प्रदेश कार्यकारिणी का गठन कर रहे हैं और यह बदलाव विधानसभा चुनाव 2023 के मद्देनजर किया जा रहा है. इन परिस्थितियों को देखकर कमलनाथ संगठन में भी जातीय और क्षेत्रीय संतुलन पर जोर दे रहे हैं. ऐसी स्थिति में कमलनाथ क्षेत्रवार और जातीय आधार पर नेताओं का चयन कर रहे हैं, ताकि संगठन में सभी इलाकों जातियों और धर्म के लोगों को प्रतिनिधित्व मिल सके.

नगरीय निकाय चुनाव की बड़ी चुनौती, लेकिन कार्यकारिणी में बदलाव पर भी चर्चा जारी

मप्र कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और संगठन प्रभारी चंद्र प्रभाष शेखर का कहना है कि संगठन में बदलाव या पुनर्गठन या उसमें लोगों को जोड़ना या जो लोग किसी कारण काम नहीं कर पा रहे हैं, उनको हटाना यह तो निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने इस बार दिल्ली में हाईकमान से मुलाकात की थी. वह इस संबंध में प्रदेश के विभिन्न नेताओं से भी चर्चा कर रहे हैं और शीघ्र ही अंतिम निर्णय की संभावना है. लेकिन अभी तो हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती नगरीय निकाय चुनाव के संदर्भ में है, जिसकी पूरी तैयारी चल रही है. कांग्रेस स्थानीय निकाय चुनाव में अधिक से अधिक संख्या में विजय प्राप्त करना चाहती है.

संगठन में सभी जाति धर्म और क्षेत्र के लोगों को मिलेगा प्रतिनिधित्व

मप्र कांग्रेस संगठन प्रभारी चंद्रप्रभाष शेखर का कहना है कि इतना बड़ा मध्यप्रदेश है, तो स्वाभाविक है कि विंध्य,महाकौशल,निमाड़,मालवा,ग्वालियर-चंबल से हमारे साथियों को लेना होगा. यही उचित प्रक्रिया है और हर पार्टी इसको अपनाती है,कांग्रेस भी यही कर रही है. इसमें कोई जातिगत भेदभाव की बात नहीं है. संगठन में सब तरह के लोग होते हैं. संगठन में सभी जाति और धर्म के लोगों को महत्व दिया जाएगा, उनका संतुलन बनाने का काम प्रदेश अध्यक्ष कर रहे हैं. संतुलन के बाद निर्णय कांग्रेस हाईकमान की सहमति से होगा.

फिलहाल हमारा वर्तमान संगठन काम कर रहा है

वहीं संगठन महामंत्री राजीव सिंह का कहना है कि संगठन में बदलाव होगा या नहीं होगा यह निर्णय एआईसीसी को करना होता है. प्रदेश अध्यक्ष की अनुशंसा पर क्या फैसले हाईकमान लेगा, इसको लेकर अभी कोई बैठक नहीं हुई है और ना ही किसी ने कोई ऐसा संकेत दिया है. इसलिए अभी इस बारे में कुछ कह नहीं सकते हैं. अभी हमारा वर्तमान संगठन काम कर रहा है.

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