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तीन महीने का बिजली बिल हो माफ, इंदिरा गृह ज्योति योजना पर स्थिति स्पष्ट करे शिवराज सरकारः कांग्रेस

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने तीन महीने का बिजली बिल माफ करने की मांग की है. इस दौरान कांग्रेस मीडिया विभाग के कोऑर्डिनेटर अभय दुबे ने सीएम शिवराज सिंह चौहान से इंदिरा गृह ज्योति योजना पर स्थिति स्पष्ट करने की बात कही है.

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Published : Jun 22, 2020, 7:15 PM IST

File photo
फाइल फोटो

भोपाल। पूर्व सीएम कमलनाथ ने सीएम शिवराज से 3 महीने के बिजली बिल माफ करने की मांग की है. वहीं कांग्रेस मीडिया विभाग के कोऑर्डिनेटर अभय दुबे ने इंदिरा गृह ज्योति योजना को लेकर प्रदेश सरकार से स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है. इसके साथ ही कांग्रेस ने कमलनाथ सरकार की तमाम योजनाओं की स्थिति स्पष्ट करने को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से सवाल किया है, साथ ही पूछा है कि, क्या उन्होंने इंदिरा गृह ज्योति योजना को लेकर किसी तरह का मौखिक निर्देश जारी किए हैं, क्योंकि लोगों को योजना का लाभ नहीं मिल रहा है.

बिजली बिल माफ करने की मांग

पूर्व सीएम कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा कि, इस कोरोना महामारी में हम मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से निरंतर मांग कर रहे है कि, अन्य राज्यों की तरह जनता को राहत प्रदान करते हुए लॉकडाउन की अवधि के सभी उपभोक्ताओं के तीन माह के बिजली बिल माफ किये जाएं.

पूर्व सीएम ने मांग की है कि, उद्योगों के फिक्स चार्ज सहित सारे चार्ज माफ किये जाएं, जितनी खपत-उतना बिल के आधार पर उनसे राशि ली जाए. वहीं कांग्रेस मीडिया विभाग के कोऑर्डिनेटर ने बताया कि, 'आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह बिजली उपभोक्ताओं से चर्चा करने वाले हैं. मप्र कांग्रेस कमेटी मुख्यमंत्री से जानना चाहती है कि, क्या उन्होंने इंदिरा गृह ज्योति योजना को समाप्त कर बिजली के लिए संबल योजना पुनः प्रारंभ करने की तैयारी के कोई मौखिक निर्देश दिये हैं. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश के नागरिकों को राहत देते हुए इंदिरा गृह ज्योति योजना लागू की थी. शिवराज सिंह द्वारा चलायी जा रही संबल योजना और इंदिरा गृह ज्योति योजना के बीच तुलना करना बेहद जरूरी है, क्योंकि बीजेपी सरकार इंदिरा गृह ज्योति योजना को समाप्त करने का मन बना रही है'.

संबल योजना

बीजेपी की तत्कालीन सरकार ने एक किलोवाट के घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को 200 रुपये प्रति माह निर्धारित कर ये योजना लागू की थी. इस योजना के तहत करीब 58 लाख परिवार 200 रुपये प्रति महीने में बिजली का उपभोग कर रहे थे.

इंदिरा गृह ज्योति योजना

इंदिरा गृह ज्योति योजना के तहत प्रदेश का उपभोक्ता को सौ यूनिट तक सौ रुपए बिजली बिल देना होता है. इससे ज्यादा खपत पर टैरिफ के अनुसार चार्ज लगाया जाता है. इस योजना के तहत 1 करोड़ 5 लाख घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को लाभ दिया जा रहा था.


कांग्रेस का कहना है कि जहां एक तरफ लगभग 90 फीसदी घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को इंदिरा गृह ज्योति योजना में लाभ मिलता है, वहीं संबल योजना में केवल 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं को ही लाभ दिया जा रहा था. वर्तमान में प्रदेश में लगभग एक करोड़ 20 लाख घरेलू बिजली उपभोक्ता हैं, जिनमें से 87 लाख उपभोक्ता 100 यूनिट के अंदर बिजली खर्च करते हैं, यानी इंदिरा गृह ज्योति योजना में इन परिवारों का बिजली का बिल मात्र 100 रुपये महीना या उससे कम आता है. वहीं संबल योजना के तहत इन उपभोक्ताओं का आंकलन करें,तो उन्हें दोगुनी राशि यानी 200 रुपये महीने बिजली बिल भरना होगा. वहीं 18 लाख घरेलू बिजली उपभोक्ता ऐसे हैं, जिनकी बिजली की खपत 100 से 150 यूनिट प्रतिमाह होती है. अर्थात इंदिरा गृह ज्योति योजना के तहत कुल एक करोड़ पांच लाख परिवार इस योजना का लाभ उठा रहे हैं. मध्यप्रदेश नियामक आयोग का मूल्यांकन कहता है कि, 0.1 किलोवाट के कनेक्शन पर प्रतिमाह 15 यूनिट का खर्च आता है. अर्थात 1 किलोवाट के कनेक्शन पर अधिकतम 150 यूनिट प्रतिमाह बिजली खर्च होने की संभावना रहती है.

कांग्रेस नेता अभय दुबे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पूर्व सीएम कमलनाथ का मानना है कि, प्रदेश का अन्नदाता किसान ही सही मायने में प्रदेश की प्रगति का कर्णधार है. लिहाजा उन्होंने सरकार में आते ही दस हाॅर्स पाॅवर तक के कृषि पंप उपभोक्ताओं की बिजली की दरों को आधा कर दिया था. पूर्व की बीजेपी सरकार में जो 1400 रुपये प्रति हाॅर्स पाॅवर, प्रतिवर्ष कृषि पंपों की विद्युत दर निर्धारित थी, उसे एकदम आधा करके 700 रुपये प्रति हाॅर्स पाॅवर प्रतिवर्ष कर दिया था. इससे 19.91 लाख किसान लाभान्वित हो रहे थे. इस योजना के तहत प्रति किसान उपभोक्ता को लगभग 47 हजार रुपये प्रति वर्ष सब्सिडी की राहत प्रदान की जा रही थी. इतना ही नहीं, हमने स्थायी कृषि पंप कनेक्शन के अतिरिक्त अस्थायी कृषि पंप उपभोक्ताओं की विद्युत दर पूर्व की भाजपा सरकार की तुलना में कम की थी. एक हेक्टेयर तक की भूमि वाले अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के कृषकों को 5 हॉर्सपाॅवर तक के कृषि पंप कनेक्शन हेतु निःशुल्क बिजली की व्यवस्था की थी.

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