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MP PDS चावल घोटाला को लेकर कांग्रेस की मांग, FCI करें जांच, खंगाले जाएं मिलर्स के बिजली बिल - MP PDS चावल घोटाला

मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने MP PDS चावल घोटाला में FCI जांच और मिलर्स के पिछले 10 साल के बिजली बिल की जांच करने की मांग की है.

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MP PDS चावल घोटाला

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Published : Sep 10, 2020, 6:46 PM IST

भोपाल। कोरोना काल में बालाघाट और मंडला में गरीबों को बांटे गए जानवरों के चावल का मामला बढ़ता जा रहा है. मध्यप्रदेश कांग्रेस ने प्रदेश के राशन माफिया पर 100 करोड़ का घोटाला करने का आरोप लगाया है और कहा है कि इस मामले में जांच के बाद भी छतरपुर जिले के नौगांव ब्लॉक में दो प्राथमिक शाला में 3 सितंबर को यही अनाज भेजा गया है. कांग्रेस ने कहा है कि 2016 में बालाघाट से 70 रैक गायब होने के मामले की अगर जांच की जाए, तो सब हकीकत सामने आ जाएगी. कांग्रेस ने इस घोटाले का कनेक्शन महाराष्ट्र के गोंदिया जिले से बताया है. कांग्रेस ने बालाघाट, गोंदिया और बालाघाट के वारासिवनी के मिलर्स के पिछले 10 साल के बिजली बिल की जांच करने की मांग की है.

MP PDS चावल घोटाला
कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने कहा है कि 22 अगस्त को केंद्र सरकार की जांच एजेंसी द्वारा यह खुलासा करने के बावजूद जहरीला जानवर के खाने योग्य चावल राशन दुकानों से वितरित किया गया है. सरकार द्वारा नाटकीय सजगता दिखाकर छापे भी डाले जा रहे हैं. इसके बावजूद छतरपुर जिले के नौगांव विकासखंड में रंगोली और मवइया प्राथमिक शाला में 3 सितंबर को जानवरों के खाने योग्य अनाज वितरित किया गया, जो हरपालपुर भंडार से भेजा गया था और मंडला और बालाघाट से भेजा गया था. इसका अर्थ है कि पूरा प्रशासन दोषियों को पकड़ने की बजाय माल को खपाने के काम में लगा दिया गया है.

उन्होंने कहा कि यह राशन माफिया हर साल लगभग एक हजार करोड़ का घोटाला करता है और नीचे से लेकर ऊपर तक जलेबियां शीरा पी जाती हैं. उन्होंने मांग की है कि इस मामले में FCI जांच करें. साथ ही मिलर्स के पिछले 10 साल के बिजली बिल की जांच की जाए.

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भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि इस घोटाले में FCI के अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं. इसलिए उन्हें भी जांच के दायरे में लाया जाए. FCI क्योंकि केंद्र सरकार का संगठन है, इसलिए जांच CBI से कराना ही न्याय संगत होगा. जिन अधिकारियों ने पूरे प्रदेश में छापामारी शुरू हो जाने के बावजूद स्कूली बच्चों को जानवरों के खाने योग्य अनाज सप्लाई किया है, उनकी तत्काल गिरफ्तारी की जाए.

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