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सांवेर उपचुनाव में प्रेमचंद गुड्डू ने लगाया धांधली का आरोप, कहा- जाएंगे हाईकोर्ट - Premchand Guddu

इंदौर की सांवेर विधानसभा सीट के चुनाव परिणाम को कांग्रेस प्रत्याशी प्रेमचंद गुड्डू हाईकोर्ट में चुनौती देंगे. उन्होंने EVM में गड़बड़ी और प्रशासनिक अधिकारियों पर सवाल खड़े किए हैं.

Premchand Guddu
प्रेमचंद गुड्डू

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Published : Nov 12, 2020, 4:34 PM IST

भोपाल।इंदौर की सांवेर विधानसभा सीट के चुनाव परिणाम को लेकर कांग्रेस प्रत्याशी प्रेमचंद गुड्डू ने सवाल खड़े किए हैं. प्रेमचंद गुड्डू का आरोप है कि सरकार और प्रशासन ने मिलकर चुनाव लड़ा है. बड़े पैमाने पर ईवीएम में गड़बड़ी की गई है. उनका कहना है कि जितने वोट तुलसी सिलावट को मिले हैं,वैसा चुनाव क्षेत्र में नजर नहीं आया.उनको कई गांव में घुसने नहीं दिया गया. लेकिन उनको भारी वोट मिले हैं. हमने डेढ़ सौ से ज्यादा शिकायतें की, लेकिन हमारी शिकायतें सुनी नहीं गई.अब हम हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा रहे हैं.

प्रेमचंद गुड्डू

हार पर नहीं प्रेमचंद गुड्डू को भरोसा

दरअसल प्रेमचंद गुड्डू ने उपचुनाव में सांवेर विधानसभा से मंत्री तुलसी सिलावट के खिलाफ चुनाव लड़ा था. चुनाव के प्रचार प्रसार के दौरान तुलसी सिलावट के लिए कई गांव में भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा था, और उन्हें कई गांव में तो घुसने भी नहीं दिया गया था. दूसरी तरफ प्रेमचंद गुड्डू के प्रचार प्रसार में काफी उत्साह देखने को मिला था. और ऐसा माना जा रहा था कि प्रेमचंद गुड्डू चुनाव जीत सकते हैं. लेकिन जब चुनाव परिणाम आए तो प्रेमचंद गुड्डू की हार 53,264 मतों से हुई है. ऐसी स्थिति में प्रेमचंद गुड्डू को ये चुनाव परिणाम स्वीकार नहीं है. उनका कहना है कि वह तमाम शिकायतों को लेकर हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटा रहे हैं.

बैलेट पेपर से हों चुनाव

प्रेमचंद गुड्डू का कहना है कि ईवीएम में बहुत बड़े पैमाने पर छेड़ाछाड हुई है. चुनाव बैलेट पेपर से होना चाहिए. अमेरिका और जर्मनी में भी बैलेट पेपर से चुनाव होते हैं. जहां ईवीएम बनती है, वहां भी बैलेट पेपर से चुनाव होता है.

हाइकोर्ट जाएंगे प्रेमचंद गुड्डू

प्रेमचंद गुड्डू ने बताया कि हमने 150 से ज्यादा शिकायतें की हैं, और हम हाईकोर्ट भी जा रहे हैं. मतगणना में भी ईवीएम की सील टूटी पाई गई है. बैच का मिलान नहीं हुआ और अनेक जगहों पर पीठासीन अधिकारियों ने दस्तखत नहीं किए. अब कह रहे हैं कि निलंबित कर रहे हैं, तो निलंबन से क्या होगा. सजा तो हम लोगों को मिल गई है.

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