भोपाल। मिशन 2023 की तैयारियों में जुटी कांग्रेस सभी वर्गों को साधने में जुटी है. इस दिशा में कांग्रेस ने पुरानी पेंशन बहाली का ऐलान कर प्रदेश के कर्मचारी वर्ग के जख्म पर मलहम लगाने का काम किया है. कमलनाथ ने हाल ही में ऐलान किया है कि सत्ता में आने के बाद पुरानी पेंशन व्यवस्था को फिर से बहाल किया जाएगा. देश के कांग्रेस शासित राज्यों में कांग्रेस सरकारें ऐसा कदम उठा भी चुकी हैं. कांग्रेस ने संविदा कर्मचारियों को नियमित करने और आउटसोर्स कर्मचारियों को संविदा पर रखे जाने का भी वादा किया है. इस तरह कांग्रेस ने प्रदेश के करीब 5 लाख से ज्यादा कर्मचारियों पर डोरे डालने का काम किया है.
कर्मचारी संगठन लगातार उठा रहे मांग :कर्मचारी संगठन पुरानी पेंशन स्कीम को अपने भविष्य का आधार बताकर लगातार इसे लागू करने सरकार पर दवाब बना रहे हैं. प्रदेश में अप्रेल 2005 में पुरानी पेंशन योजना को बंद कर दिया गया था. इसके बाद नई पेंशन योजना लाई गई थी, जिसमें कर्मचारी के मूल वेतन से 10 फीसदी की राशि काटी जाती है और उसमें सरकार 14 फीसदी अपना हिस्सा मिलाती है. पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारी की सैलरी से कोई कटौती नहीं होती थी. पुरानी पेंशन में जीपीएफ की सुविधा होती थी. नई पेंशन में इसका कोई प्रावधान नहीं है. यही वजह है कि कर्मचारी संगठन इसको फिर से लागू कराने सरकार पर दवाब बना रहे हैं. कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष जितेन्द्र सिंह के मुताबिक इसको लेकर सरकार को ज्ञापन दे चुके हैं. यदि सरकार का यही रवैया रहा तो प्रदेश में किसान आंदोलन जैसा बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा.