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मध्यप्रदेश कांग्रेस ने बीजेपी पर कसा तंज, कहा- शिवराज सिंह के ऊपर भी संकट, मुख्यमंत्री रहेंगे या नहीं - मुख्यमंत्री शिवराज सिंह

शिवराज मंत्रिमंडल के विस्तार पर कांग्रेस ने बीजेपी पर फिर तंज कसा है, कांग्रेसियों का कहना है कि भाजपा के नेताओं में आपस में तलवारें खिंची हुई हैं, शिवराज सिंह की मुख्यमंत्री की कुर्सी पर भी संकट के बादल हैं.

Bhupendra Gupta
मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता

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Published : Jul 1, 2020, 2:25 PM IST

भोपाल। शिवराज सरकार का 100 दिनों का कार्यकाल पूरा हो चुका है, लेकिन शिवराज सरकार सिर्फ पांच मंत्रियों के सहारे चल रही है. पिछले 2 हफ्ते से शिवराज मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चा जोरों पर है, लेकिन किसी न किसी कारण से ये विस्तार भी टलता जा रहा है. भाजपा की परिस्थितियों को लेकर प्रदेश कांग्रेस ने तंज कसते हुए कहा कि भाजपाइयों का बस चलता तो अकेला मुख्यमंत्री तीन साल तक सरकार चलाता रहता, वो तो संवैधानिक बाध्यताएं आ गई हैं. इसलिए मंत्रिमंडल विस्तार किया जा रहा है. बीजेपी नेताओं में आपस में तलवारें खिंची हैं, शिवराज सिंह की मुख्यमंत्री की कुर्सी पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं.

मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता

राजनीतिक इतिहास का ये पहला मामला होगा कि जब किसी सरकार को बने हुए 3 महीने से ज्यादा वक्त बीत गया है, लेकिन मुख्यमंत्री मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं कर पा रहा है. करीब एक महीने तक बिना कैबिनेट के सरकार चलाने के बाद जैसे तैसे शिवराज सिंह ने मंत्रिमंडल का गठन किया गया था, लेकिन सिर्फ पांच लोगों को ही इस मंत्रिमंडल में जगह दी गई थी. पिछले 2 महीने से सिर्फ पांच मंत्रियों के सहारे शिवराज सरकार चल रही है. जैसे तैसे करके बीजेपी राज्यसभा चुनाव तक मंत्रिमंडल का विस्तार टालती रही. अब जब मंत्रिमंडल विस्तार के लिए चारों तरफ से दबाव बन रहा है तो केंद्रीय नेतृत्व और प्रदेश संगठन की तमाम कोशिशों के बावजूद भी मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो पा रहा है.

आपस में चल रहे विवाद, मंत्रिमंडल में जगह पाने के लिए रस्साकशी और गुटबाजी के चलते रोजाना मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें लगाई जा रही हैं, लेकिन मंत्रिमंडल का दूसरा विस्तार संभव होता नजर नहीं आ रहा है. इन परिस्थितियों को लेकर प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि भाजपाइयों का बस चलता तो अकेला मुख्यमंत्री 3 साल तक सरकार चलाता रहता. वो तो भाजपा का बस नहीं चल रहा है क्योंकि संवैधानिक प्रक्रिया है. बजट जब कैबिनेट से पारित हो जाएगा, तब विधानसभा के पटल पर रखा जाएगा. कैबिनेट में कम से कम 12 मंत्री होना जरूरी है तो मंत्रिमंडल मजबूरी में बना रहे हैं, इनके बीच जूतमपैजार हो रही है, सब तलवार निकाल कर इधर-उधर भांज रहे हैं.

आप देखें कि कैलाश विजयवर्गीय और शेखावत का युद्ध, आप देखे नरोत्तम मिश्रा का युद्ध, नरेंद्र सिंह तोमर की आवाज, आप देखें कि पूरे बुंदेलखंड में गोविंद सिंह राजपूत के कारण घमासान मचा है. इस तरह की तलवारें चारों तरफ हर खेमे में चल रही हैं. ये शिवराज सिंह को ही निपटा देंगे, भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि लगता है कि शिवराज सिंह की कुर्सी पर भी संकट है. मुख्यमंत्री रहेंगे या नहीं रहेंगे, कौन आदमी नीचे से उनकी दरी खींच रहा है, ये अभी पक्का नहीं है. मंत्रिमंडल बन जाए, ईश्वर करे कि इस प्रदेश की जनता की सेवा हो. कोरोना से जो लोग मर रहे हैं, उनको वास्तविक रुप से राहत पहुंचे. कांग्रेस जनता के लिए राहत पहुंचाने के लिए सहयोग को तैयार है.

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