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'गैर विधायकों को मंत्री बनाकर लोकतंत्र का अपमान कर रही बीजेपी', मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कांग्रेस का तंज

शिवराज सरकार को बने करीब 100 दिन बीत रहे हैं. अब जाकर मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना बढ़ रही हैं. जिस तरह से शिवराज सिंह दिल्ली पहुंचे हैं और वहां उनकी मुलाकात पीएम नरेंद्र मोदी से होने जा रही है. अटकलें लगाई जा रही हैं कि जल्द ही शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार हो जाएगा. इसे लेकर एमपी कांग्रेस ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी गैर विधायकों को मंत्री बनाकर लोकतंत्र का अपमान कर रही है.

Bhupendra Gupta
भूपेंद्र गुप्ता

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Published : Jun 29, 2020, 4:46 PM IST

भोपाल।कमलनाथ सरकार को गिराकर भाजपा के शिवराज सिंह 23 मार्च को सीएम के पद पर तो काबिज हो गए. लेकिन 3 महीने बीत जाने के बाद भी उनके मंत्रिमंडल का गठन नहीं हो पाया था. पार्टी के अंदर चल रही खींचतान, सिंधिया समर्थक पूर्व विधायकों को एडजस्ट करने और उपचुनाव के समीकरणों को देखते हुए किसी ना किसी बहाने मंत्रिमंडल का विस्तार टलता जा रहा था. लेकिन अब मंत्रिमंडल विस्तार की तैयारी शुरू हो गई है. इसे लेकर एमपी कांग्रेस का कहना है कि गैर विधायकों को मंत्री बनाकर भाजपा लोकतंत्र का अपमान कर रही है और इसके साथ ही भाजपा की शिवराज सरकार का दुर्भाग्य शुरू होने वाला है.

शिवराज सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर बोले भूपेंद्र गुप्ता

जुलाई में विधानसभा का सत्र शुरू होने वाला है और इस सत्र में बजट बुलेटिन पारित होना है. विधानसभा के शासकीय कार्यों के लिए कई मामलों में कैबिनेट अनुमोदन की जरूरत होती है. शिवराज मंत्रिमंडल का फिलहाल कोरम पूरा नहीं है. कोरम पूरा करने के लिए कम से कम 12 मंत्री होना जरूरी है. इसलिए मंत्रिमंडल विस्तार की तैयारी की जा रही है.

इस मामले में मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि भाजपा की शिवराज सरकार का दुर्भाग्य शुरू होने वाला है. मंत्रिमंडल के विस्तार में गैर विधायकों को मंत्री बनाकर भाजपा लोकतंत्र के अपमान की नई शुरूआत करने जा रही है. इस व्यवस्था से जन्म को खरीदने, धमकाने, बेचने की परंपरा की शुरूआत करके भारतीय लोकतंत्र को न जाने के प्रकरण की पटाक्षेप करने जा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी इसे इस दृष्टिकोण से देखती है कि जब संकट काल था, जब लाखों लोगों के सामने जान माल की चुनौती थी तब यह सरकार केंद्रीय नियंत्रण के आधार पर चल रही थी. जब प्रदेश को सेवा की जरूरत थी और गरीब सड़कों पर था और तड़प रहा था, तब यह सरकार एक आदमी के भरोसे चल रही थी और आज इसी मजबूरी में लोक निंदा से बचने के लिए सरकार बनाने का काम करना पड़ रहा है. क्योंकि बजट पारित करने के लिए न्यूनतम 12 मंत्री चाहिए.

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