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चुनाव से पहले दलितों को साधने की कवायद, भीमराव की जयंती पर कांग्रेस-भाजपा ने बनाया प्लान, करेंगे यह कार्यक्रम - भीमराव अंबेडकर जयंती 2022

आगामी चुनावों को लेकर राजनीतिक पार्टियों ने अपनी कमर कस ली है. इसी कड़ी में भाजपा और कांग्रेस दलित वोट बैंक को मजबूत करने में जुट गई हैं. दोनों ही पार्टियां आगामी भीमराव अंबेडकर की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देंगी.

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Published : Apr 12, 2022, 4:44 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में डेढ़ साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के चलते राजनीतिक दलों ने वोट बैंक को साधना शुरू कर दिया है. आगामी 14 अप्रैल को संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही दलितों पर फोकस किया है. भाजपा प्रदेश भर में हर बूथ पर बाबा अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेगी. कांग्रेस भी ब्लॉक स्तर पर बाबासाहेब को श्रद्धांजलि देगी. डॉक्टर अंबेडकर की जन्मस्थली महू में आयोजित कार्यक्रम में कमलनाथ शामिल होंगे. (mp dalit vote bank)

एक दूसरे पर निशाना साध रहे राजनीतिक दल

एमपी में दलित वोट बैंक पर नजरः14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती के मौके पर बीजेपी प्रदेश के 65000 बूथों पर कार्यक्रम आयोजित करेगी, जिसमें बीजेपी के कार्यकर्ता और नेता अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे. वहीं कांग्रेस ने भी ब्लॉक स्तर पर कार्यक्रम तय किया है. इन कार्यक्रमों के जरिए बीजेपी और कांग्रेस मध्य प्रदेश के 15 फीसदी से अधिक दलित वोट बैंक को साधना चाहती है. मध्य प्रदेश में 35 सीटें अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित हैं. इनमें से विधानसभा चुनाव में भाजपा को 19 सीटें और कांग्रेस को 16 सीटें मिलीं. (mp election 2023)

भाजपा का दोहरा चरित्र उजागरः प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री केके मिश्रा का कहना है कि कांग्रेस का दलितों के प्रति आदर और बाबा साहब अंबेडकर के प्रति सम्मान पूर्ववत है. प्रारंभ से ही हम इस बुनियाद पर टिके हुए हैं. भाजपा बाबा साहब और दलितों के नाम पर वोटों की फसल काटने का काम कर रही है. भाजपा यह बता दे कि संघ के किस नेता ने बाबा साहब को अपवित्र कहा था. जिनके रिमोट पर भाजपा चल रही है. उसके नेता बाबा साहब को अपवित्र कहते हैं. इनका दोहरा चरित्र शुरू से है. दलित वर्ग अब इनके शिकंजे में फंसने वाला नहीं है. उनकी कथनी और करनी को सब देख चुके हैं. (bhimrao ambedkar jayanti 2022)

कांग्रेस को नहीं है नैतिक अधिकारःबीजेपी प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी का कहना है कि कांग्रेस को बाबा साहब अंबेडकर का नाम लेने का भी नैतिक अधिकार नहीं है. 1952 के चुनाव मे बाबा साहब अंबेडकर को चुनाव हराने का काम किया गया. तत्कालीन प्रधानमंत्री उन्हें चुनाव हराने की भूमिका में रहे. पहले जवाहर लाल नेहरु ने और फिर इंदिरा गांधी ने जीते जी भारत रत्न ले लिया, लेकिन बाबा साहब को भारत रत्न बीजेपी समर्थित वीपी सिंह की सरकार ने दिया था. (program in mahu on bhimrao ambedkar jayanti 2022)

कांग्रेस पर साधा निशानाः प्रवक्ता चतुर्वेदी ने कहा कि बाबा साहब के पंचतीर्थ भारतीय जनता पार्टी की सरकारों ने बनवाए. नरेंद्र मोदी देश के ऐसे पहले प्रधानमंत्री थे जो कि बाबा साहब की जन्मस्थली महू में आए थे. अब इन सब के बाद भी कांग्रेस स्वांग करती है, तो जनता परिपक्व है. जनता समय पर कांग्रेस को सबक सिखाएगी.

दलितों का भगवाकरण चिंता का विषय : कांग्रेस नेता के. राजू

दलित वोट बैंक से सत्ता की तैयारीः2018 के चुनाव में भाजपा को आरक्षित सीटों पर नुकसान उठाना पड़ा था. ऐसे में भाजपा अब इस नुकसान की भरपाई करने की कोशिश में लगी हुई है. वहीं कांग्रेस भी दलित वोट बैंक के जरिए आगामी विधानसभा चुनाव में एक बार फिर अपनी सीटों में इजाफा कर सत्ता की राह आसान करने में जुट गई है. दोनों ही दल 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती के मौके को भुनाने में लग गए हैं.

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