भोपाल। आपातकाल को लेकर एक बार फिर कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने है. लोकतंत्र सेनानी संघ (Democracy Fighters Association) के प्रदेश अध्यक्ष तपन भौमिक (Tapan Bhowmick) ने आपातकाल के दौरान लोकतंत्र को कुचलने की बात कही तो कांग्रेस ने इस पर पलटवार किया है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता भूपेन्द्र गुप्ता (Bhupendra Gupta) ने कहा कि लोकतंत्र सेनानी यह भी बताए कि आपातकाल लगाने की नौबत क्यों आई थी. लोकतंत्र सेनानी अपने पाप भी बताए.
राष्ट्रपति के नाम सौंपेंग ज्ञापन
आपातकाल की बरसी पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए तपन भौमिक (Tapan Bhowmick) ने कहा कि जब-जब लोकतंत्र को कुचलने की कोशिश होगी लोकतंत्र सेनानी संघ (Democracy Fighters Association) उसके खिलाफ खड़ा होगा. तपन भौमिक ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ऐसा ही काम कर रही है इसलिए लोकतंत्र सेनानी उनके खिलाफ राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपेंगे.
नहीं मिला एक भी फर्जी लोकतंत्र सेनानी #DarkDaysOfEmergency: लोकतंत्र के सीने में 'नश्तर' की तरह चुभता रहेगा आपातकाल
नहीं मिला एक भी फर्जी लोकतंत्र सेनानी
तपन भौमिक ने इस दौरान कांग्रेस सरकार के दौरान लोकतंत्र सेनानियों की पेंशन बंद करने का मुद्दा भी उठाया. भौमिक ने कहा कि एमपी में कांग्रेस सरकार ने आते ही लोकतंत्र सेनानियों की पेंशन बंद कर दी थी. जब विरोध हुआ तो जांच का हवाला दिया गया. भौमिक ने कहा कि 6 से 8 महीने की जांच के बाद कांग्रेस सरकार को एक भी लोकतंत्र सेनानी फर्जी नहीं मिला. इसके बाद कांग्रेस सरकार को फिर से लोकतंत्र सेनानियों की पेंशन शुरू करना पड़ी थी.
अपने पाप भी बताएं लोकतंत्र सेनानी
तपन भौमिक के आरोपों पर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता भूपेन्द्र गुप्ता (Bhupendra Gupta) ने पलटवार किया. भूपेन्द्र गुप्ता ने कहा कि लोकतंत्र सेनानियों को यह भी बताना चाहिए कि आखिर आपातकाल लगाया क्यों गया था. गुप्ता ने कहा कि जनसंघ के नेता सेना को भड़काने की कोशिश कर रहे थे. पटरियों पर बम लगा दिए गए थे, इसलिए आपातकाल लगाया गया था. गुप्ता ने कहा कि लोकतंत्र सेनानी अपने पाप क्यों नहीं बताते हैं.
अपने पाप भी बताएं लोकतंत्र सेनानी सरकार ने दी थी 25 हजार की राशि
लोकतंत्र सेनानियों की पेंशन बंद करने के मामले में भी भूपेन्द्र गुप्ता (Bhupendra Gupta) ने पलटवार किया है. भूपेन्द्र गुप्ता ने कहा कि आपातकाल हटने के बाद सभी को सरकार ने 25-25 हजार रुपए की राशि दी थी. यह राशि इन्हें लोन के तौर पर दी गई थी, लोकतंत्र सेनानी बताए कि कितनों ने सरकार को यह राशि वापस लौटाई. भौमिक ने कहा कि लोकतंत्र सेनानी तो आज भी पेंशन पा रहे हैं.