भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस ने शिवराज सरकार पर 110 करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया है. कांग्रेस ने किसानों के कल्याण की योजनाओं में प्रशासकीय स्तर पर खुली लूट का आरोप लगाया है. कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि योजना की गाइडलाइन में मात्र एक शब्द बदलकर 100 करोड़ से ज्यादा का घोटाला कर दिया है.
कांग्रेस ने लगाया शिवराज सरकार पर आरोप भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि केंद्र सरकार ने जैविक खेती के प्रोत्साहन के लिए 2015-16 में 110 करोड़ से ज्यादा की राशि प्रदेश सरकार को दी थी. जिसमें सेस्बेनिया नामक बीज खरीदने के लिए निर्देशित किया गया था. लेकिन सेस्बेनिया में रोस्ट्रेटा शब्द जोड़कर गाइडलाइन में फेरबदल कर कृषि विभाग के तत्कालीन प्रमुख सचिव और अधिकारियों ने मिलकर एक ही कंपनी को सारा काम दे दिया.
सरकार के पास कोई जवाब नहीं
भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि मुंबई की ज्योलाइफ एग्रीटेक इंडिया कंपनी से रोस्ट्रेटा के नाम पर खेंचा बीज पांच से 10 गुना अधिक कीमत पर खरीदे गए. इसमें प्रदेश सरकार के उपक्रम एमपी एग्रो और नेशनल सीड कॉरपोरेशन के जरिए सिंगल टेंडर पर खरीदी की गई. इन उपक्रमों को घोटाले के लिए कवच बनाया गया. इस काम के लिए मार्कफेड द्वारा रेट कॉन्ट्रैक्ट होने के बावजूद उसकी दरों पर एग्रो इंडस्ट्रीज कारपोरेशन से क्रय क्यों किया गया. इसका कोई उत्तर सरकार के पास नहीं है.
जांच को दबाने की चल रही कोशिश
जब मार्कफेड ने अपना रेट कॉन्ट्रैक्ट 2017 में ही निरस्त कर दिया, तो 2018 और 19 में एग्रो इंडस्ट्रीज कारपोरेशन निरस्त रेट कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर कैसे बिना टेंडर के इसे बेचता रहा. यह गहन जांच का विषय है.भूपेंद्र गुप्ता ने कहा है कि आज प्रदेश में यह बड़ा प्रश्न हो गया है कि अनुसूचित जनजाति के लोगों के कल्याण के लिए बनाई गई योजनाओं की लूट क्या जांच एजेंसियों की जांच मोहताज रहेगी. सभी जानते हैं कि किस तरह आदिवासी समाज को जानवरों को खिलाए जाने वाला चावल सप्लाई किया गया. उस जांच को भी दबाने की कोशिश चल रही है.