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गेहूं का हुआ था बंपर उत्पादन, अब धान के भंडारण को लेकर चिंता - Paddy storage concerns

वेयरहाउसिंग कारपोरेशन को अब धान की फसल के भंडारण की चिंता सताने लगी है. धान के उपार्जन को देखते हुए वेयरहाउस कारपोरेशन ने विपणन संघ और खाद्य नागरिक आपूर्ति को पत्र लिखकर खाद्यान्न उठाए जाने की रिपोर्ट मांगी है.

Concern over paddy storage in mp
धान के भंडारण को लेकर चिंता

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Published : Sep 1, 2020, 2:53 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में गेहूं की बंपर पैदावार के भंडारण के बाद राज्य सरकार अब खरीफ फसल के भंडारण की तैयारियों में जुट गई है. प्रदेश में इस बार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर करीब 40 लाख टन धान की खरीदी की उम्मीद जताई जा रही है. इसके लिए किसानों का पंजीयन उपार्जन पोर्टल पर 15 सितंबर से शुरू होगा. धान के उपार्जन को देखते हुए वेयरहाउस कारपोरेशन ने विपणन संघ और खाद्य नागरिक आपूर्ति को पत्र लिखकर खाद्यान्न उठाए जाने की रिपोर्ट मांगी है.

धान के भंडारण को लेकर चिंता

अब खरीफ फसल के उपार्जन की तैयारी

प्रदेश में रबी की फसल की बंपर पैदावार के बाद अब धान के बेहतर फसल की उम्मीद जताई जा रही है. इसके भंडारण के लिए वेयर हाउसिंग कारपोरेशन तैयारियों में जुटा है. कोरोना संक्रमण को देखते हुए गरीबों को करीब 5 माह का राशन एकमुश्त बांटा गया है. बताया जा रहा है कि, हर माह वेयरहाउस से करीब 5 लाख मीट्रिक टन गेहूं उठाया जा रहा है. वेयर हाउसिंग कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक तरुण पिथोड़े के मुताबिक पिछले सालों की अपेक्षा इस साल कहीं ज्यादा तेजी से गेहूं उठाया जा रहा है. हालांकि, खरीफ फसल में अभी थोड़ा वक्त है. इसके पहले ही धान के भंडारण के लिए पर्याप्त व्यवस्था हो जाएगी.

गेहूं का रिकॉर्ड उत्पादन, भंडारण में छूटे पसीने

मध्यप्रदेश में समर्थन मूल्य पर इस साल 129 लाख मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन किया गया. गेहूं उत्पादन और उसके उपार्जन के मामले में मध्यप्रदेश ने अपने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए, गेहूं के रिकॉर्ड उत्पादन के बाद गेहूं के भंडारण में वेयरहाउसिंग कारपोरेशन के पसीने छूट गए. प्रदेश के वेयरहाउस में करीब 30 हजार मीट्रिक टन गेहूं का क्षमता से ज्यादा भंडारण करना पड़ा. वहीं करीब 25 लाख मीट्रिक टन खुले में रखना पड़ा. देखा जाए तो, मध्य प्रदेश में वेयरहाउसिंग कारपोरेशन के 5 हजार 694 वेयरहाउस है, जिसकी कुल क्षमता करीब 200 लाख मीट्रिक टन है.

5 जिलों में वेयर हाउस की जरूरत

प्रदेश के 5 जिलों में भंडारण को लेकर व्यवस्थाएं अभी भी कमजोर हैं. दमोह, पन्ना, राजगढ़, बालाघाट और सतना में अभी और वेयरहाउस की जरूरत महसूस की जा रही है. हालांकि करीब आधा दर्जन उद्योगपतियों ने वेयर हाउस निर्माण को लेकर रुचि दिखाई है. इन उद्योगपतियों ने इन जिलों में वेयरहाउस के लिए नाबार्ड से संपर्क साधा है. इन जिलों में 2 लाख मीट्रिक टन क्षमता की वेयरहाउस की जरूरत है. वेयरहाउस ना होने से इन जिलों सहित अन्य जिलों में 30 लाख मीट्रिक टन गेहूं का ओपन में भंडारण इस बार करना पड़ा है.

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