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कॉलेजों ने शुरू किए खुद के उद्योग, छात्रों को मिला शिक्षा के साथ रोजगार

उच्च शिक्षा विभाग आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश बनाने के साथ ही, प्रदेश के महाविद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों को रोजगार और निर्माण से जोड़ने का प्रयास कर रहा है. इसी क्रम में राजधानी के मोतीलाल महाविज्ञान कॉलेज ने एक माह में दो उद्योग शुरू किए हैं. केमिस्ट्री विभाग के छात्रों ने सैनिटाइजर का निर्माण किया है और इलेक्ट्रॉनिक विभाग के छात्रों ने एलईडी बल्ब तैयार किया है.

BHOPAL
शिक्षा के साथ रोजगार

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Published : Nov 26, 2020, 1:57 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में उच्च शिक्षा विभाग छात्रों को शिक्षा के साथ-साथ रोजगार दिलाने के प्रयास में जुटा हुआ है. छात्रों को आत्मनिर्भर बनाने में कॉलेज अहम भूमिका निभा रहे हैं. इसी क्रम में राजधानी के एमवीएम, बीएसएस और नूतन कॉलेज ने स्वयं के उद्योग शुरू करने की तैयारी कर ली है. राजधानी के शासकीय एमवीएम महाविद्यालय ने पिछले 1 माह में 2 स्टार्टअप डाले हैं. जिसमें एक सैनिटाइजर और दूसरा एलईडी बल्ब का स्टार्टअप शुरू किया है. खास बात यह है कि कॉलेज प्रबंधन उच्च शिक्षा विभाग की मदद से इस सैनिटाइजर और बल्ब को मार्केट में बेचेगा, जिससे छात्रों को रोजगार मिलेगा.

शिक्षा के साथ रोजगार

एमवीएम कॉलेज के छात्रों ने बनाया एलईडी बल्ब

राजधानी का एमवीएम कॉलेज छात्रों को शिक्षा के साथ रोजगार से जुड़ी सीख दे रहा है. एमवीएम कॉलेज के छात्रों ने पिछले 1 माह में 2 उद्योग शुरू किए हैं. कॉलेज के केमिस्ट्री लैब के छात्रों ने पिछले दिनों सेनेटाइजर तैयार किया है और इस सैनिटाइजर को मार्केट में बेचने की तैयारी भी शुरू कर दी है. वहीं इलेक्ट्रॉनिक विभाग के बच्चों ने एलईडी बल्ब तैयार किया है और यह बल्ब मार्केट की कीमत से 70 प्रतिशत कम कीमत में बेचा जाएगा.

ऐसे तैयार किया बल्ब

इलेक्ट्रॉनिक विभाग के प्रोफेसर अनिल सोनकिया ने बताया कि इस बल्ब को तैयार करने के लिए सारे कंपोनेंट बाहर से मंगवाए हैं. उसके साथ ही एक मशीन खरीदी गई है. जिसकी मदद से बल्ब को तैयार किया जा रहा है. सारे कॉन्पोनेंट तैयार होने के बाद बल्ब आधे घंटे में बनकर तैयार हो जाता है और यह बल्ब बिल्कुल एलईडी बल्ब की तरह उजाला देता है.

10 रुपये में बल्ब तैयार

अनिल सोनकिया का कहना है कि हम प्रयास कर रहे हैं कि हमारे यहां एलईडी बल्ब की असेंबलिंग और रिपेयरिंग की जा सके इसके पार्ट्स बहुत ही सस्ते हैं. जिनको मिलाकर हम एलईडी बल्ब डिजाइन कर रहे हैं. जो मार्केट की कीमत से 70 प्रतिशत सस्ता होगा. जो बल्ब मार्केट में 80 में बिक रहा है वह बल्ब हम 10 रुपये में बेचेंगे. इससे छात्रों को फायदा मिलेगा. हम बहुत से बल्ब तैयार कर चुके हैं. लेकिन कोरोना के चलते छात्र कॉलेज नहीं आ पा रहे हैं. इसी वजह से मार्केट में बल्ब को बेचने के लिए थोड़ा समय लग रहा है. क्योंकि बल्ब को मार्केट तक ले जाने से पहले हम उच्च शिक्षा विभाग के साथ एक मीटिंग करेंगे और छात्रों को भी इस मीटिंग में शामिल करेंगे. इसके बाद भी बल्ब को मार्केट में बेचा जाएगा.

उच्च शिक्षा विभाग की मदद से मार्केट में बिकेगा बल्ब

महाविद्यालय के प्राचार्य महेंद्र सिंह का कहना है कि कॉलेज के इलेक्ट्रॉनिक विभाग की मदद से अब तक आधे से ज्यादा बल्ब तैयार हो चुके हैं. कुछ सामान हम कॉलेज में ही बना रहे हैं और कुछ मार्केट से लेंगे. हम चाहते हैं कि सस्ते एलईडी बल्ब का निर्माण हो ताकि लोगों को इसका लाभ मिल सके. जो बल्ब मार्केट में 50 रुपये का मिलता है, हम उसे 10 रुपये में तैयार करेंगे. जो बल्ब 80 से 100 रुपये में मिलता है, उसे 35 रुपये में तैयार किया गया है. इसके लिए हम बच्चों की समिति भी बनाएंगे. जो सभी तरह के ऑप्शन पर विचार करेंगे.

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