भोपाल।टाइगर स्टेट का दर्जा पा चुके मध्य प्रदेश में लगातार बाघों की मौत के मामले सामने आ रहे हैं. पिछले 11 माह में प्रदेश के 22 बाघों की मौत हो चुकी है, जो पूरे देश में सबसे ज्यादा है. बांधवगढ़ में बाघों की मौत के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. यहां पिछले 8 माह में 11 बाघ, 3 तेंदुए और दो हाथियों की मौत हो चुकी है, पिछले दिनों एक बाघ का शव जमीन में दबा मिला, जिसकी वजह से यहां शिकारियों के सक्रिय होने की आशंका जताई जा रही है. हालांकि इन सबके बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करने जा रहे हैं.
बांधगढ़ में बाघों की मौत का मामला मुख्यमंत्री आधा दर्जन मुद्दों पर करेंगे चर्चा
मुख्यमंत्री 2 दिन तक उमरिया में रहेंगे. आज भी बांधवगढ़ रिजर्व टाइगर में वन विभाग की योजनाओं की समीक्षा करेंगे. बैठक में, बफर में सफ,र वनों से आजीविका और लघु वनोपज की न्यूनतम दरें तय करने, बाघ प्रबंधन, जंगलों में अतिक्रमण जैसे मुद्दों पर चर्चा करेंगे. मुख्यमंत्री बुधवार को आदिवासी गौरव दिवस के मौके पर 800 लोगों को वनाधिकार पट्टे वितरित करेंगे.
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बांधवगढ़ में सक्रिय हैं शिकारी
बांधवगढ़ नेशनल पार्क में शिकारियों का नेटवर्क सक्रिय हैं. बीते दिनों एसटीएफ ने एक शिकारी यारालीन उर्फ जसराज को गिरफ्तार किया था. इस माह शहडोल जिले के गोहपारू के सरसी से भी बाघ के शिकार के मामले में तीन शिकारियों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं बांधवगढ़ में लगातार बाघ और अन्य वन्यजीवों की मौत के मामले सामने आ रहे हैं, इसको लेकर यहां शिकारियों के सक्रिय होने की आशंका जताई जा रही है. पिछले 8 माह में बांधवगढ़ नेशनल पार्क में 11 बाघ, तीन तेंदुए और दो हाथियों की मौत हो चुकी है. 10 से 17 अक्टूबर के बीच ही महज एक हफ्ते के दौरान चार शावक और एक बाघिन की मौत हो चुकी हैं. इस अवधि के दौरान जिले में तीन तेंदुए का करंट से शिकार और दो हाथियों की अलग-अलग कारणों से मौत हुई है.
वन्य प्राणी विशेषज्ञ बोले वनों का क्षेत्र बढ़ाना होगा
उधर, वन्य प्राणी विशेषज्ञ डॉ सुदेश वाघमारे का कहना है कि, मध्यप्रदेश में बाघों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन उस हिसाब से बाघों का रहवास क्षेत्र बढ़ाए जाने की जरूरत है. उनके मुताबिक तमाम कोशिशों के बाद भी मध्य प्रदेश के बाघ टाइगर रिजर्व क्षेत्रों में शिकारियों पर पूरी तरह से नकेल नहीं कसी जा सकी है. यही वजह है कि, वन्यजीवों को करंट लगाकर मारने की घटनाएं भी सामने आ रही हैं. उनके मुताबिक प्रदेश में नए टाइगर रिजर्व खोलने की दिशा में सरकार को कदम उठाने चाहिए, इससे टेरिटोरियल फाइट की घटनाएं कम होंगी.
मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा बाघों की मौत
मध्यप्रदेश में बाघों की लगातार मौतें हो रही हैं. पिछले 11 माह में 22 बाघों की मौत हो चुकी है. एनटीसीए की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में पिछले 7 सालों के दौरान 172 बाघों की मौत हुई है. इस मामले में मध्य प्रदेश पहले नंबर पर है. इस दौरान कान्हा में 43 और बांधवगढ़ में 38 बाघों की मौत हुई है.