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CM शिवराज स्व-सहायता समूह की महिलाओं से करेंगे संवाद, देंगे 200 करोड़ की सौगात

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Published : Sep 20, 2020, 9:03 AM IST

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 13 हजार स्व-सहायता समूह से जुड़े एक लाख 30 हजार से अधिक जरूरतमंद ग्रामीण परिवारों को 200 करोड़ रुपए की ऋण राशि देंगे. सीएम इस दौरान महिला हितग्राहियों से संवाद भी करेंगे.

CM Shivraj
सीएम शिवराज

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहानआज मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 13 हजार स्व-सहायता समूह से जुड़े एक लाख 30 हजार से अधिक जरूरतमंदों को 200 करोड़ रुपए की सौगात देंगे. यह कार्यक्रम भोपाल से वर्चुअल तरीके से प्रदेशभर में आयोजित किया जाएगा. वहीं सीएम ऋण वितरण के बाद दमोह, देवास और शिवपुरी जिलों के हितग्राहियों से संवाद भी करेंगे. सीएम के कार्यक्रम को जिलों में अलग-अलग माध्यमों से लाइव टेलीकास्ट भी किया जाएगा.

कोरोनाकॉल में स्व-सहायता समूह का अहम योगदा

मध्यप्रदेश में स्व-सहायता समूह की भूमिका बहुत अहम रही है. विशेष रूप से महिला स्व-सहायता समूह ने तो कोरोना काल के कठिन समय में अपने साहस से आत्मनिर्भर होने की राह खुद बनाई है. महिला स्व-सहायता समूह ने जीवन शक्ति योजना में मास्क बनाकर स्वास्थ्य विभाग, मेडिकल स्टोर्स और ग्राम पंचायतों को उपलब्ध कराए हैं. इसके अलावा स्व-सहायता समूह ने पीपीई कीट भी तैयार किए हैं. मध्यप्रदेश के इस नवाचार को पूरे देश में सराहा गया है.

राज्य सरकार ने स्व -सहायता समूहों को सरलता से ऋण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से बैंकों के साथ व्यापक समन्वय स्थापित किया है. मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ने ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले निर्धन परिवारों की महिला सदस्यों को स्व-सहायता समूह से जोड़कर उनके सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण के प्रयास किए हैं. स्व-सहायता समूह को मिलने वाले ऋण के लिए बैंक के स्तर पर काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है. गांव में जीविका के प्रबंध में लगे स्व-सहायता समूह सदस्य बैंकों के चक्कर लगाने में असमर्थ हो जाते हैं. इसके फल स्वरुप पात्र होते हुए भी उन्हें लाभ से वंचित होना पड़ता है. लिहाजा राज्य शासन ने बैंक से ऋण लेने की प्रक्रिया को सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से सरल और पारदर्शी बना दिया है. प्रदेश में स्व- सहायता समूह के वार्षिक ऋण वितरण का लक्ष्य 1400 करोड़ है. आजीविका मिशन के माध्यम से प्रदेश में अब तक 33 लाख से अधिक ग्रामीण परिवारों को सहायता समूहों से जोड़कर लगभग डेढ़ हजार करोड़ रुपए की राशि बैंक के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान की जा चुकी है.

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