भोपाल। प्रदेश में जूनियर डॉक्टर्स अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठे हुए हैं. उनका साफ कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाएंगी, तब तक वह काम पर नहीं लौटेंगे. जूडा की हड़ताल की अब सीधा असर मरीजों पर पड़ रहा है. एक ओर मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा तो दूसरी ओर सरकार भी अपने स्टैंड पर कायम है. जिसको लेकर अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का बयान सामने आया है. सीएम ने कहा है कि मामले में संबंधित विभाग के अधिकारी चर्चा कर रहे हैं. समस्या के हल पर लगातार मंथन हो रहा है.
हठ छोड़ें, हड़ताल तोड़ें
मध्य प्रदेश में Junior Doctors और सरकार के बीच का विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है .जूनियर डॉक्टरों ने GMC के बाहर बिल्डिंग पर खून से रंगे हुए एप्रेन(Apron) टांगे. वहीं चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने दो टूक शब्दों में फिर जूनियर डॉक्टरों को हाईकोर्ट के निर्देश का पालन करने की चेतावनी दी. चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने अपनी बात दोहराते हुए कहा है कि मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर जूनियर डॉक्टरों का नजरिया अमानवीय है. ऐसे में जूनियर डॉक्टरों को मानव सेवा को सर्वोपरि मानते हुए काम पर वापस आना चाहिए.सरकार बातचीत करने को तैयार हैं . आज भी उनके लिए दरवाजे खुले हैं. लेकिन वह हमसे मिलने आ ही नहीं रहे.