भोपाल।मध्य प्रदेश संसदीय दल की बैठक बुधवार को दिल्ली में आयोजित हुई. बैठक में शामिल होने के लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान भी पहुंचे, लेकिन प्रदेश में बाढ़ के हालातों को देखते हुए केंद्रीय नेतृत्व की अनुमति के बाद वापस आ गए. भोपाल आकर उन्होंने बैठक से वापस आने का कारण भी बताया.
जेपी नड्डा की अनुमति के बाद सीएम शिवराज ने छोड़ी बैठक
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि बैठक छोड़ने का कारण एमपी में बाढ़ की भयावह स्थिति है. सीएम ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की इजाजत लेकर बैठक को छोड़ दिया. उन्होंने कहा कि उत्तरी मध्य प्रदेश, शिवपुरी, गुना दतिया, भिंड, मुरैना और ग्वालियर का एक हिस्सा बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित है. उन्होंने कहा कि केंद्र के साथ कुछ चीजों को कोआर्डिनेट करना था इसलिए दिल्ली आया.
रेस्क्यू से 5000 लोगों को निकाला सुरक्षित
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि दिल्ली आने से पहले बाढ़ग्रस्त इलाके का एरियल सर्वे किया और ग्वालियर के अधिकारियों के साथ बैठक की. इसके साथ ही रात में भी कंट्रोल रूम में बैठकर रेस्क्यू ऑपेरशन चलाया. उन्होंने कहा कि बाढ़ में फंसे लोगों के निकालने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, इंडियन आर्मी और इंडियन एयर फोर्स मुस्तैद है और लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. इसके साथ ही स्थानीय प्रशासन भी लोगों को मदद पहुंचा रहा है. इन्हीं प्रयासों से अब तक लगभग 5000 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है.
चंबल और सिंध नदी का बढ़ रहा पानी
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अभी भी रेस्क्यू अभियान की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि भिंड और मुरैना में लगातार चंबल का पानी बढ़ रहा है. इसके साथ ही दतिया में सिंध नदी का पानी उफान पर है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी एमपी के बाढ़ के भयावह हालातों को देखते हुए लगातार अपडेट ले रहे हैं. बुधवार को स्वयं उन्होंने फोन कर एमपी की स्थिति की जानकारी ली और आज भी चर्चा की.