भोपाल। कोरोना संकट काल के दौरान अन्य राज्यों से लौटे प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने के लिए प्रदेश सरकार ने कई तरह के नवाचार किए हैं. इसके अलावा मनरेगा योजना के तहत भी प्रदेश के कई जिलों में काम शुरु कर दिया गया है. वहीं इन सभी व्यवस्थाओं और मनरेगा के कार्य समीक्षा को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बैठक की, बैठक के दौरान मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, एसीएस मनोज श्रीवास्तव भी उपस्थित रहे. बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ,पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल भी शामिल हुए.
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अब तक किए गए कामों को लेकर भी अधिकारियों से बिंदुवार चर्चा की. साथ ही मनरेगा के तहत किए जा रहे कामों को और विस्तार देने के निर्देश भी दिए, ताकि ज्यादा से ज्यादा प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध हो सके. इसके अलावा समीक्षा बैठक के दौरान मध्यप्रदेश में मनरेगा के अंतर्गत प्रति दिवस दी जा रही मजदूरी दर को लेकर भी चर्चा की गई, क्योंकि जो पैसा प्रति दिन के हिसाब से प्रदेश में दिया जा रहा है वह अन्य राज्यों की तुलना में बेहद कम है. जिसे बढ़ाने के लिए भी अधिकारियों को निर्देशित किया गया, ताकि मजदूरों को केंद्र सरकार से निर्धारित की गई राशि प्राप्त हो सके.
समीक्षा बैठक के दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाने के लिए ग्रामों का आत्मनिर्भर होना आवश्यक है. ग्रामों को आत्मनिर्भर बनाने में मनरेगा योजना अत्यंत सहायक सिद्ध हो सकती है साथ ही योजना में इस साल 20.50 करोड़ मानव दिवस का लेबर बजट केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकृत किए जाने के साथ, आत्मनिर्भर भारत योजना अंतर्गत 40 हजार करोड़ रूपये का अतिरिक्त प्रावधान है. वहीं उन्होंने कहा कि ग्रामों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए योजना बनाकर एवं समयबद्ध रूप से कार्य किया जाए.