भोपाल।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि, 'हमें पूरी सावधानियां बरतते हुए कोरोना को पूर्ण रूप से नियंत्रित कर समाप्त करना है, परंतु इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि, आर्थिक गतिविधियों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए. विवाह आयोजनों, वस्तुओं के परिवहन आदि में कोई बाधा नहीं आनी चाहिए. आयोजनों में शामिल होने वाले व्यक्तियों की संख्या सीमित की जा सकती है. जिन क्षेत्रों में संक्रमण अधिक है, वहां छोटे-छोटे कंटेनमेंट जोन्स भी बनाए जाएं. इस संबंध में जिले के क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप निर्णय ले सकते हैं.
मास्क अनिवार्य
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिए कि, मास्क लगाने का सख्ती से पालन किए जाना अनिवार्य है. सभी दुकानदार एवं ग्राहक अनिवार्य रूप से मास्क लगाएं. मास्क न लगाने पर जुर्माना भी किया जाए. एक-दूसरे से आवश्यक दूरी बनाए रखने संबंधी सावधानी भी बरती जानी आवश्यक है. इस संबंध में जन जागरूकता अभियान चलाया जाए. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज उमरिया जिले के बांधवगढ़ से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे. बैठक में वन मंत्री कुंवर विजय शाह, आदिम जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह, खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री बिसाहूलाल के साथ- साथ सभी संबंधित अधिकारी उपस्थित थे.
इंदौर एवं भोपाल में विशेष सावधानी बरती जाए
कोरोना संक्रमण की जिलेवार समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री चौहान ने इंदौर एवं भोपाल में विशेष सावधानी बरते जाने के निर्देश दिए हैं. प्रदेश में सर्वाधिक कोरोना के नए मरीज इंदौर में 565 पाए गए हैं, वहीं भोपाल में 324 नए मरीज मिले हैं. भोपाल की गत सात दिनों की पॉजिटिविटी रेट 12 प्रतिशत है, वहीं इंदौर की 10 प्रतिशत. मुख्यमंत्री चौहान ने इंदौर एवं भोपाल में विशेष सावधानी बरते जाने के निर्देश दिए हैं.
अधिक पॉजिटिविटी वाले जिले विशेष ध्यान दें
मुख्यमंत्री ने जिलेवार समीक्षा में पाया कि, इंदौर एवं भोपाल के साथ ही ग्वालियर, रतलाम, विदिशा, शिवपुरी, अशोकनगर, दतिया एवं अनूपपुर जिलों की गत सात दिनों की पॉजिटिविटी रेट अधिक है. मुख्यमंत्री चौहान ने सभी जिलों को विशेष सावधानी बरतने के निर्देश दिए.
सैम्पलिंग पर्याप्त संख्या में की जाए
मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिए कि, सभी जिलों में पर्याप्त संख्या में सैम्पलिंग की जाए, जिससे कि, कोरोना को जल्दी पहचान कर उसका इलाज किया जा सके. सभी कोरोना अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में बेड, ऑक्सीजन बेड, आईसीयू आदि की व्यवस्था हो. जहां आवश्यकता हो बेड की संख्या बढ़ाई जाए.