भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. दूसरे राज्यों से आए मजदूर भी संक्रमित निकल रहे हैं. जिसने सरकार की चिंताएं बढ़ा दी है.क्योंकि सरकार के माध्यम से लगातार दूसरे राज्यों में फंसे इन श्रमिकों को बाहर निकालने की कवायद की जा रही है, लेकिन इनके संक्रमित होने से प्रदेश में भी संक्रमण बढ़ने का खतरा दिखाई देने लगा है. प्रदेश में बढ़ रहे मामलों को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रालय में समीक्षा बैठक की.
सीएम शिवराज ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया है कि अन्य राज्यों से आने वाले श्रमिक मजदूरों की थर्मल स्क्रीनिंग हर हाल में की जाए. किसी भी तरह से कोताही न बरती जाए.साथ ही दूसरे राज्यों के मध्यप्रदेश में फंसे हुए मजदूरों को सीमा तक छोड़ने के लिये वाहनों की व्यवस्था सुचारु रुप से करें. सभी मजदूरों के लिए खाना, चाय-नाश्ता जैसी व्यवस्थाएं कलेक्टर्स अपने-अपने जिलों में सुनिश्चित करें.
20 लाख मजदूरों को मिला काम
वहीं सीएम ने ये भी निर्देशित किया है कि जो मजदूर ट्रक और दूसरे वाहनों में ओवरलोड होकर जाते दिखें, उन्हें उतार कर दूसरे वाहन से भिजवाने की व्यवस्था की जाये. वहीं पन्ना जिले में मिला एक कोरोना मरीज के ठीक होने के बाद अब पन्ना संक्रमण मुक्त हो गया है.सीएम ने सारी सावधानियां रखने के निर्देश देते हुए कहा है कि जिला फिर से संक्रमित ना हो. मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश के कई जगहों पर मनरेगा के अंतर्गत 20 लाख मजदूरों को काम दिया गया है. साथ ही उन्हें तुरंत भुगतान भी किया जा रहा है. वहीं प्रवासी मजदूरों को जॉबकार्ड बनावकर काम दिया जाएगा.साथ ही बरसात के मौसम में भी मनरेगा के अंतर्गत कुछ काम जारी रहेंगे.
अब दूसरे राज्य में नहीं करवाना होगा टेस्ट
मुख्य सचिव स्वास्थ्य सुलेमान ने के मुताबिक पिछले दिनों प्रदेश में कोरोना के रिकार्ड 5,828 टैस्ट किये गए. इनमें से 3,924 टेस्ट प्रदेश की 14 टैस्ट लैबों में और 1904 टेस्ट राज्य से बाहर की लैब में किये गए हैं. उन्होंने बताया कि प्रदेश में कोरोना टैस्टिंग की दो मशीनें एक इंदौर और दूसरी भोपाल में आ गई हैं. इनके चलते अब हमें राज्य से बाहर टेस्ट करवाने की जरुरत नहीं होगी. कोरोना संबंधी सर्वेलेंस के लिये कांटेक्ट ट्रेसिंग एप बहुत उपयोगी है. इसका उपयोग शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी किया जाये.