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निसर्ग तूफान के चलते खरीदी केंद्रों पर रखी हजारों क्विटंल फसल भीगी, सीएम शिवराज ने अधिकारियों को दिए ये निर्देश

प्रदेश में निसर्ग तूफान के चलते हुई बारिश के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों की बैठक ली. जिसमें उपार्जन केंद्रों पर गेहूं भीगने से संबंधित जानकारी ली. साथ ही किसानों को आश्वसन दिया कि उपज का पूरा भुगतान किया जाएगा.

Thousands of quintals of wheat soaked in rain in madhya pradesh
मुख्यमंत्री ने ली बैठक

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Published : Jun 5, 2020, 12:15 PM IST

भोपाल। निसर्ग तूफान का असर मध्य प्रदेश के कई जिलों में दिखाई दिया है. बुधवार से ही हल्की बारिश का दौर शुरू हो गया था, लेकिन गुरुवार को ही बारिश ने प्रदेश के कई जिलों को पानी से तर-बतर कर दिया. इससे लोगों को गर्मी से जरूर राहत मिली है, लेकिन किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं. उपार्जन केंद्रों पर खुले में पड़ा हुआ गेहूं भीग गया है. हालांकि बारिश के बाद मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिला कलेक्टरों और कमिश्नर्स के साथ गेहूं के शत-प्रतिशत सुरक्षित भंडारण सुनिश्चित करने को लेकर बातचीत की है. इस दौरान सीएम ने सभी कलेक्टरों और कमिश्नर्स को निर्देश दिए हैं कि जितना भी गेहूं खुले में पड़ा हुआ है, उसे तत्काल प्रभाव से सुरक्षित रूप से भंडारण कराया जाए.

मुख्यमंत्री ने ली बैठक

इस दौरान सीएम शिवराज सिंह ने कहा है कि निसर्ग तूफान की वजह से तेज हवाओं के साथ बारिश के कारण कुछ स्थानों पर खुले में रखे गेहूं का सुरक्षित भंडारण एक चुनौती है. हालांकि, बहुत कम मात्रा में गेहूं गोदामों तक न पहुंचने की बात सामने आई है, लेकिन किसानों को उनके उपार्जित गेहूं का पूरा भुगतान किया जाएगा. चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि उपार्जित गेहूं के परिवहन का कार्य जिन जिलों में पूरा हो गया है, वहां के वाहनों को अन्य जिलों में परिवहन कार्य में संलग्न करें .

प्रदेश में गेहूं की बंपर पैदावार

मुख्यमंत्री ने गेहूं के बंपर उत्पादन और उपार्जन के लिए किसानों सहित संबंधित सरकारी विभागों के अधिकारियों और जिला कलेक्टरों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में गेहूँ उपार्जन का ऐतिहासिक कार्य हुआ है. यह आज एक करोड़ 25 लाख 60 हजार मीट्रिक टन हो चुका है. पंजाब के बाद मध्य प्रदेश अभी दूसरे क्रम पर है, यह गर्व की बात है.

गेहूं को सुरक्षित रखने का कार्य जल्द हो पूर्ण

मुख्यमंत्री ने कहा कि 26 जिलों में शत-प्रतिशत गेहूं उपार्जन और परिवहन का कार्य विपरीत परिस्थितियों में संभव कर दिखाया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि कहीं भी गेहूं खराब न हो इसके लिए आवश्यक व्यवस्था की जाए. केरल में मानसून दस्तक दे चुका है. ऐसे में आने वाले दिनों में भी जहां खुले में गेहूं रखा है, उसे सुरक्षित रखने का कार्य किया जाए. जो शेष स्कंध है. डनेज शीट बिछाकर रखने की व्यवस्था की जाए.

दल बनाकर करें कार्य

मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टर को निर्देश दिए कि किसानों को उन्हें मिलने वाली राशि का भुगतान भी सुनिश्चित करें. चने के उपार्जन और परिवहन के संबंध में भी मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टर को निर्देश दिए हैं. तिवड़ा मिश्रित चने की अनुमति प्राप्त होने के बाद यह कार्य भी पूरा किया जाए. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि अन्य विभाग के अमलों का उपयोग करते हुए अधिकारी दल बनाकर कार्यों को पूर्ण करें.
1 करोड़ 25 लाख मेट्रिक टन गेहूं का उपार्जन
प्रमुख सचिव खाद्य शिवशेखर शुक्ला ने बताया कि शुक्रवार तक 1 करोड़ 25 लाख मेट्रिक टन से अधिक गेहूं का उपार्जन हो गया है. परिवहन के बाद अधिकांश भंडारण भी हो गया है. हाल की बारिश से बड़ी क्षति नहीं हुई है. उपार्जित गेहूं की सुरक्षा के लिए पूर्व से जिलों को आवश्यक प्रबंध करने के निर्देश थे, जिनका पालन भी हुआ है. वहीं मुख्यमंत्री ने टिड्डी दल पर नियंत्रण के संबंध में अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की. प्रदेश के 21 जिलों में टिड्डी दल की समस्या से 18 जिले निजात पा चुके हैं. शेष तीन जिलों शिवपुरी, बैतूल, रीवा में आवश्यक उपाय अपनाए जा रहे हैं. टिड्डियों के खात्मे के लिए फायर ब्रिगेड और दवाओं के छिड़काव का कार्य किया गया है.

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