भोपाल। निसर्ग तूफान का असर मध्य प्रदेश के कई जिलों में दिखाई दिया है. बुधवार से ही हल्की बारिश का दौर शुरू हो गया था, लेकिन गुरुवार को ही बारिश ने प्रदेश के कई जिलों को पानी से तर-बतर कर दिया. इससे लोगों को गर्मी से जरूर राहत मिली है, लेकिन किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं. उपार्जन केंद्रों पर खुले में पड़ा हुआ गेहूं भीग गया है. हालांकि बारिश के बाद मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिला कलेक्टरों और कमिश्नर्स के साथ गेहूं के शत-प्रतिशत सुरक्षित भंडारण सुनिश्चित करने को लेकर बातचीत की है. इस दौरान सीएम ने सभी कलेक्टरों और कमिश्नर्स को निर्देश दिए हैं कि जितना भी गेहूं खुले में पड़ा हुआ है, उसे तत्काल प्रभाव से सुरक्षित रूप से भंडारण कराया जाए.
इस दौरान सीएम शिवराज सिंह ने कहा है कि निसर्ग तूफान की वजह से तेज हवाओं के साथ बारिश के कारण कुछ स्थानों पर खुले में रखे गेहूं का सुरक्षित भंडारण एक चुनौती है. हालांकि, बहुत कम मात्रा में गेहूं गोदामों तक न पहुंचने की बात सामने आई है, लेकिन किसानों को उनके उपार्जित गेहूं का पूरा भुगतान किया जाएगा. चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि उपार्जित गेहूं के परिवहन का कार्य जिन जिलों में पूरा हो गया है, वहां के वाहनों को अन्य जिलों में परिवहन कार्य में संलग्न करें .
प्रदेश में गेहूं की बंपर पैदावार
मुख्यमंत्री ने गेहूं के बंपर उत्पादन और उपार्जन के लिए किसानों सहित संबंधित सरकारी विभागों के अधिकारियों और जिला कलेक्टरों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में गेहूँ उपार्जन का ऐतिहासिक कार्य हुआ है. यह आज एक करोड़ 25 लाख 60 हजार मीट्रिक टन हो चुका है. पंजाब के बाद मध्य प्रदेश अभी दूसरे क्रम पर है, यह गर्व की बात है.
गेहूं को सुरक्षित रखने का कार्य जल्द हो पूर्ण