भोपाल। एमपी में बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि से बर्बाद हुई फसलों के सर्वे को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बयान पर सीएम शिवराज ने पलटवार किया है. सीएम ने कहा कि व्यस्तताओं के कारण कमलनाथ से सवाल नहीं पूछ पाया था. एक तो उनकी ट्यूबलाइट बहुत देर से जलती है. ओलावृष्टि से पीड़ित किसानों के लिए प्रदेश की सरकार ने, मैंने स्वयं पहले से ही सर्वे का काम प्रारंभ कर दिया था. जहां पहले ओलावृष्टि हुई वहां सर्वे का काम लगभग पूरा हो रहा है लेकिन वह चिट्ठी बड़ी देर से लिखते हैं, जाते नहीं है, केवल चिट्ठियां लिखते हैं. मैं उनसे पूछना चाहता हूं, कमलनाथ जी आपके पास एक ही चारा है जिसका आप उपयोग करते हैं. सत्ता में आने के लिए झूठ, झूठ और केवल झूठ. कांग्रेस का तो नीतिवाक्य होना चाहिए, 'झूठ के साथ कमलनाथ.
नहीं दी फूटी कौड़ी: सीएम ने कहा कि पिछले चुनाव से पहले आत्मविश्वास से झूठ बोलना और फिर मुकर जाना, यह कांग्रेस की फितरत रही है. कमलनाथ आपने वादा किया था, विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा, बारिया, सहरिया समाज के लोग जो अभिकरण क्षेत्रों से बाहर रह रहे हैं उन्हें अभिकरण के दायरे में लाएंगे, प्रतिमाह पोषण के लिए 15 सौ रुपए की राशि देंगे. 1500 तो छोड़िए, ना तो उन्हें अभिकरणों के बाहर लाए, ना तो फूटी कौड़ी इन विशेष पिछड़ी जनजाति के बहनों और भाइयों को दी. इतना जरूर है जो 1 हजार रूपया हम देते थे. वह भी बंद करने का महापाप अपने किया.