दिल्ली/भोपाल। कोरोना संक्रमण की वजह से वित्तीय संकट से गुजर रही मध्यप्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार से कर्ज की लिमिट बढ़ाने की मांग की है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. अपने 8 माह का लेखा-जोखा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने पेश किया. सीएम ने राज्य के सकल घरेलू उत्पाद के एक परसेंट और कर्ज लेने की अनुमति देने का अनुरोध किया है.
केंद्र सरकार से अगर यह अनुमति मिल जाती है तो मध्यप्रदेश सरकार एक वित्तीय वर्ष में 9000 करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज ले सकेगी. मौजूदा समय में राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 3.49% कर्ज लिया जा सकता है.
करीब 1 घंटे तक प्रधानमंत्री से हुई शिवराज की चर्चा
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से करीब एक घंटे तक चर्चा चली. मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश की वित्तीय स्थिति बेहतर नहीं है. कोरोना संक्रमण की वजह से प्रदेश में राजस्व कम आया है. केंद्र सरकार से भी कम राजस्व प्राप्त हुआ है. इसको देखते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री से वित्तीय स्थिति सुधारने के उपायों पर चर्चा की. उन्होंने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि मौजूदा हालात को देखते हुए राज्य के सकल घरेलू उत्पाद के एक परसेंट और ऋण देने की अनुमति दी जाए.
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