पंचायतों के पैसों पर कुंडली मार कर बैठी सरकार, निर्विरोध निर्वाचन पर प्रोत्साहन राशि अब तक उधार
एमपी में पंचायत चुनाव से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्विरोध निर्वाचन पर प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की थी. चुनाव सम्पन्न हुए नौ माह बीतने के बावजूद पंचायत को अब तक राशि नहीं मिली है.
सीएम शिवराज
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Published : Apr 27, 2023, 7:54 PM IST
झाबुआ।पेसा कानून के जरिए ग्राम सभा को सशक्त बनाने का दावा करने वाली शिवराज सरकार फिलहाल एक वादे में उलझ गई है. मामला ग्राम पंचायतों के निर्विरोध निर्वाचित होने पर दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि से जुड़ा है. झाबुआ जिले में ऐसी दो ग्राम पंचायतें हैं, जो निर्विरोध निर्वाचित हुई थीं. उन्हें वादे के अनुसार कुल 29 लाख रुपए प्रोत्साहन राशि दी जाना थी, लेकिन फूटी कौड़ी तक नहीं मिली. इस संबंध में अधिकारी दो-दो बार पंचायतराज संचनालय भोपाल को चिट्ठी लिख चुके हैं, लेकिन वहां से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला है. स्थित से शासन की पंचायतीराज व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं.
सीएम शिवराज की घोषणा: एमपी में पंचायत चुनाव के लिए 26 मई 2022 को आचार संहिता लागू हुई थी. इससे करीब डेढ़ घंटे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पंचायतों के लिए एक करोड़ रुपए के इनामों की घोषणा कर दी थी. इसके मुताबिक किसी ग्राम पंचायत में यदि सरपंच निर्विरोध चुना जाता है तो 5 लाख, लगातार दूसरी बार निर्विरोध चुना जाता तो 7 लाख, सरपंच और सभी पंच निर्विरोध निर्वाचित होते हैं तो 7 लाख, सभी महिला निर्वाचित हुई तो 12 लाख और सभी महिलाएं निर्विरोध निर्वाचित हुईं तो 15 लाख रुपए प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. जुलाई में संपन्न हुए पंचायत चुनाव में झाबुआ जिले की ग्राम पंचायत परवट और बिसौली दो ऐसी पंचायते थी जिनमें निर्विरोध चुनाव हुए. नौ महीने बीतने के बावजूद दोनों पंचायतों को प्रोत्साहन राशि नहीं दी गई है.
ग्राम पंचायत परवट:इस पंचायत में सरपंच से लेकर सभी पंच निर्विरोध निर्वाचित हुए थे. मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप इसके लिए ग्राम पंचायत को 15 लाख रुपए प्रोत्साहन राशि दी जाना थी. वहीं चूंकि सरपंच रमीला शंकरसिंह भूरिया लगातार दूसरी बार निर्विरोध सरपंच चुनी गई, लिहाजा पंचायत को अतिरिक्त 7 लाख रुपए प्रोत्साहन राशि मिलना थी. इस तरह ग्राम पंचायत परवट को शासन से कुल 22 लाख रुपए लेना है.
ग्राम पंचायत बिसौली:इस पंचायत में सरपंच विजय मकना निनामा और सभी पंच निर्विरोध चुने गए. घोषणा के अनुसार पंचायत को 7 लाख रुपए प्रोत्साहन राशि मिलना थी. शासन को दो बार पत्र लिखा जा चुका है. झाबुआ जिला पंचायत सीईओ अमन वैष्णव ने बताया कि निर्विरोध निर्वाचन पर पंचायतों को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि के संबंध में संचालक सह आयुक्त पंचायतीराज संचनालय भोपाल को दो बार पत्र लिखा जा चुका है. राशि अभी प्राप्त नहीं हुई है.
निर्विरोध निर्वाचन का रिकॉर्ड:झाबुआ जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत परवट निर्विरोध निर्वाचन का रिकॉर्ड बना चुकी है. इस पंचायत से लगातर चार बार से महिला सरपंच रमीला शंकर सिंह भूरिया निर्विरोध निर्वाचित होकर पंचायत के विकास की इबारत लिख रही हैं. यह पंचायत सबसे विकसित पंचायतों में से एक है. सरपंच रमीला शंकरसिंह भूरिया कहती हैं- पंचायत के विकास के लिए कुछ योजना बना रखी थी, लेकिन शासन से प्रोत्साहन राशि ही नहीं मिली. प्रोत्साहन राशि तो ठीक अभी तो पंचायतों को विकास कार्यों के लिए भी राशि नहीं मिल रही है. एक तरफ सरकार गांव के विकास की बात कहती हैं और पंचायतों को राशि ही प्रदान नहीं की जा रही, ऐसे कैसे काम करेंगे.