भोपाल। विश्वप्रसिद्ध महाकाल मंदिर की व्यवस्थाओं में सुधार और सुविधाओं के विस्तार को लेकर सीएम कमलनाथ ने बैठक की. बैठक में कहा गया कि भगवान महाकाल के दर्शन करने के लिए उज्जैन आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए योजना शुरू होगी. योजना की समय- सीमा निर्धारित करने के साथ- साथ मुख्य सचिव ने मॉनिटरिंग के भी आदेश दिए हैं.
महाकाल मंदिर के विस्तार और व्यवस्थाओं में सुधार के लिए मंत्रिमंडल के सदस्य मंत्रियों की एक त्रिस्तरीय सदस्य समिति का गठन किया जाएगा. महाकाल मंदिर के अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव भी कैबिनेट में लाया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना समय- सीमा पर आधारित होगी, जिसमें काम शुरु होने से लेकर उसके पूरे होने तक का समय निर्धारित होगा. सीएम ने कहा कि इसकी मॉनिटरिंग मुख्य सचिव करेंगे.
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बैठक में कहा कि भगवान महाकाल की वजह से ही पूरे विश्व में मध्यप्रदेश की पहचान है. महाकाल मंदिर करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था के इस केंद्र है, इसका सुनियोजित विकास किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि श्रद्धालु सिर्फ दर्शन करने के लिए नहीं बल्कि उज्जैन में ऐसी व्यवस्थाएं हो, जिसके कारण वह एक-दो दिन रूके. इसमें महाकाल मंदिर से जुड़ी पौराणिक गाथाएं और आकर्षण शामिल है.
उन्होंने कहा कि इससे उज्जैन शहर और वहां के रहवासियों का भी विकास होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि विस्तार और व्यवस्था में सुधार के दौरान महाकाल मंदिर में मूल ढांचे के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी, इसका विशेष ध्यान रखा जाए.सीएम के निर्देश पर गठित मंत्रियों की त्रिस्तरीय समिति में मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, पीसी शर्मा, जयवर्धन सिंह सदस्य होंगे. यह कमेटी महाकाल मंदिर की व्यवस्थाओं से जुड़े लोगों, जन-प्रतिनिधियों से चर्चा कर विकास और विस्तार के संबंध में जरूरी निर्णय लेगी.
मुख्यमंत्री ने समिति को निर्देशित किया कि अगले तीन दिन में यह बैठक हो. उन्होंने महाकाल मंदिर एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव भी इसी महीने मंत्रिमंडल से अनुमोदित कराने और 30 सितम्बर तक महाकाल मंदिर के विकास की योजना को अंतिम रूप देकर काम शुरु करने के निर्देश दिए हैं.