भोपाल। कर्नाटक में 16 विधायकों के इस्तीफे के बाद सरकार पर लगातार सियासी संकट मंडरा रहा है. संकट में घिरी कर्नाटक सरकार खुद को बचाने की कवायद में जुटी हुई. इसी बीच कांग्रेस हाईकमान ने अपने सबसे भरोसेमंद नेताओं को कर्नाटक में मोर्चा संभालने की जिम्मेदारी सौंपी है. सीएम कमलनाथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद दो दिनों के दौरे पर बेंगलुरू जा रहे हैं.
'संकटमोचक' की भूमिका निभाने कर्नाटक जा रहे हैं कमलनाथ
कर्नाटक सरकार पर मंडरा रहा सियासी संकट को टालने के लिए कांग्रेस हाईकमान ने सीएम कमलनाथ को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है. सीएम कमलनाथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद दो दिनों के दौरे पर बेंगलुरू जा रहे हैं.
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद से ही कांग्रेस लगातार मुश्किलों का सामना कर रही है. ऐसे हालात में कांग्रेस को कर्नाटक और गोवा में बड़ा झटका लगा है. कांग्रेस ने मुख्यमंत्री कमलनाथ पर विश्वास इसलिए भी जताया है क्योंकि इससे पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कर्नाटक और गोवा के सियासी संकट के बीच भोपाल में सभी विधायकों को एक साथ डिनर पर लाकर एकजुटता का संदेश दिया. जिससे कहीं ना कहीं मुख्यमंत्री कमलनाथ की स्थिति पार्टी में और मजबूत हुई है. इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी का भरोसा भी उनके ऊपर पहले से ज्यादा बढ़ गया है.
यही वजह है कि अब कर्नाटक की स्थिति को संभालने का जिम्मा सीएम कमलनाथ को सौंपा गया है. हालांकि जिस तेजी के साथ कर्नाटक का राजनीतिक घटनाक्रम बदल रहा है. उस स्थिति को संभाल पाना कमलनाथ के लिए भी एक चुनौतीपूर्ण होगा. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अजय सिंह यादव का कहना है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता है उन्हें राजनीति का अच्छा खासा लंबा अनुभव है. उनका कहना है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ को पार्टी के द्वारा जो भी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी, निश्चित रूप से वह पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ उस कार्य को पूरा करेंगे .