भोपाल।राजधानी भोपाल में एक ओर जहां लगातार मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है तो वहीं दूसरी ओर इसके इलाज और रोकथाम के लिए कई कोशिशें भी की जा रही हैं. भोपाल के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में कोरोना वायरस के इलाज के लिए कुष्ठ रोग में दी जाने वाली दवा माइकोबैक्टीरियम डब्ल्यू का क्लीनिकल ट्रायल संक्रमित मरीजों पर किया जा रहा है और अब इसके शुरुआती नतीजे भी सामने आने लगे हैं.
इन नतीजों से कोरोना से जंग जीतने के लिए डॉक्टरों में एक नई उम्मीद जगी है. एम्स के निदेशक ने इस बारे में बताया कि माइकोबैक्टीरियम डब्ल्यू दवा का जो ट्रायल चल रहा है उसके नतीजे काफी उत्साहित करने वाले हैं. हमने अभी चयनित 40 मरीजों में से 3 पर इस दवा का ट्रायल किया था, जिसमें से 2 मरीजों का ट्रायल पूरा हो चुका है.
एम्स के निदेशक ने कहा कि ये दोनों मरीज गंभीर स्थिति वाले थे. इन्हें सांस लेने में दिक्कत थी, पर दवा देने के 7 दिन बाद ही यह आईसीयू से बाहर आ गए हैं और अब इन्हें ऑक्सीजन सप्लीमेंटेशन की बिल्कुल जरूरत नहीं है. तीसरे मरीज का अभी कोर्स चल रहा है. हालांकि इसके शुरुआती परिणाम उत्साहजनक हैं पर हम अभी इसका निष्कर्ष नहीं निकाल सकते. हमें इसके निष्कर्ष के लिए 40 या उससे ज्यादा मरीजों पर ट्रायल करना होगा. उसकी डिकोडिंग के बाद ही निष्कर्ष निकाला जा सकता है.