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Published : Dec 25, 2020, 6:24 AM IST

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प्रभु यीशु के जन्मदिन पर सजे गिरजाघर, हुई प्रार्थना सभा

प्रभु यीशु के जन्मदिन क्रिसमस-डे की पूर्व संध्या पर गुरुवार को विभिन्न गिरजाघरों में जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया. शाम सात बजे गिरजा घरों में विशेष पूजा प्रर्थना की गई. इस मौके पर बड़ी तादाद में लोगों ने प्रभु यीशु को याद किया और केक खिलाकर एक-दूसरे को क्रिसमस की बधाई दी.

Birthday of lord jesus
प्रभु यीशु का जन्मदिन

भोपाल।आज पूरे देश और दुनिया में क्रिसमस का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है. प्रभु यीशु के जन्मदिन क्रिसमस-डे की पूर्व संध्या पर गुरुवार को विभिन्न गिरजाघरों में जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया. शाम सात बजे गिरजा घरों में विशेष पूजा प्रर्थना की गई. इस मौके पर बड़ी तादाद में लोगों ने प्रभु यीशु को याद किया और केक खिलाकर एक-दूसरे को क्रिसमस की बधाई दी. शहर के कई गिरजा घरों में यीशु के जन्म को दर्शाती हुई झांकियां भी लगाई गई है. प्रभु यीशु के जन्मदिन पर गिरजा घरों में प्रार्थना सभाएं हुई और केरोल के माध्यम से प्रभु यीशु की आराधना की गई. क्रिसमस को लेकर काफी उत्साह देखा जा रहा है.


5 घंटे पहले हुआ प्रभु यीशू का जन्म

इतिहास में पहली बार प्रभु यीशु का जन्म समय से 5 घंटे पहले मनाया गया. भोपाल में कोरोना वायरस के दौरान लॉकडाउन होने के चलते शाम 7 बजे से ही प्रभु यीशु का जन्म दिवस की शुरुआत कर दी गई और 9 बजे तक चर्च में कार्यक्रम आयोजित किया गया. कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए लोगों ने प्रार्थना की.

राजधानी के सबसे पुराने चर्च में हुई प्रार्थना

जहांगीराबाद स्थित सेंट फ्रांसिस चर्च में विशेष रुप से प्रभु यीशु का जन्म दिवस मनाया गया. यहां पर अर्चबिशप डॉ लियो कार्नेलियो ने समुदाय के सभी लोगों के समक्ष प्रार्थना कर ईश्वर का संदेश पढ़ा. अर्चबिशप डॉ लियो कार्नेलियो ने इस अवसर पर शहर वासियों को रोशन के पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं दी. इस दौरान उन्होंने जहांगीराबाद स्थित सेंट फ्रांसिस चर्च में समाज के लोगों को सेवा सद्भाव के साथ कोरोना वायरस के दौर में सकारात्मक सोच रखने का संकल्प दिलाया. उन्होंने बताया कि असहाय निर्धन लोगों की मदद करने के अलावा प्रेम और खुशियां बांटने का संदेश प्रभु जीज्स ने दिया था. यह चर्च 150 साल पुराना ऐतिहासिक चर्च है. जिसे नवाब शासनकाल के दौरान बनाया गया था. जिसमें सीहोर के सैनिक छावनी के अंग्रेज सैनिक सहित आसपास के अधिकारी प्रार्थना के लिए पहुंचते थे. यह चर्च अपने आप में ऐतिहासिक के साथ ही आध्यात्मिक रूप से काफी प्रचलित है.

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