भोपाल।क्रिसमस से शुरू होने वाली स्कूलों की छुट्टियों से लेकर नए साल तक मध्य प्रदेश के टाइगर रिजर्व अभी से फुल हो गए हैं. प्रकृति की गोद में छुट्टियों और खास तौर से नए साल का जश्न मनाने के लिए पर्यटकों की पहली पसंद मध्य प्रदेश के टाइगर रिजर्व बने हुए हैं. देश के टाइगर स्टेट मध्य प्रदेश में टाइगर की संख्या 785 से ज्यादा पहुंच चुकी है. यह देश के किसी भी राज्य में सबसे ज्यादा है. यही वजह है कि टाइगर रिजर्व पहुंचने वाले पर्यटक जंगल के राजा के दीदार से निराश होकर नहीं लौटते. टाइगर रिजर्व पहुंचने वाले पर्यटकों की संख्या ज्यादा डिमांड कोर एरिया बने हुए हैं. आपको बताते हैं कि किस टाइगर रिजर्व में क्या है बुकिंग की स्थिति...
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व:मध्यप्रदेश के उमरिया जिले में स्थित बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की भोपाल से दूरी करीबन 433 किलोमीटर, जबकि जबलपुर से 165 किलोमीटर है. 437 वर्ग किलोमीटर में फैले बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 165 से ज्यादा टाइगर हैं. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में तीन प्रमुख स्थान ताला, मगली और खतौली रेंज हैं. यह तीनों ही रेंज 22 दिसंबर से 1 जनवरी तक बुक हो चुका है. कोर एरिया में अब कोई भी बुकिंग खाली नहीं है. ऐसे में पर्यटकों को बफर जोन और अन्य जोन में ही बुकिंग करानी होगी.
कान्हा टाइगर रिजर्व: मध्यप्रदेश के मंडला और बालाघाट जिलों में स्थित कान्हा टाइगर रिजर्व क्षेत्र करीबन 1949 वर्ग किलो मीटर का है. कान्हा में 129 टाइगर और 150 से ज्यादा तेंदुए मौजूद हैं. कान्हा के चार कोर एरिया हैं. कान्हा, किसली, मुक्की और सरही. इन कोर एरिया में 22 दिसंबर से लेकर 1 जनवरी तक लगभग बुकिंग फुल है.
पन्ना टाइगर रिजर्व: मध्यप्रदेश के पन्ना और छतरपुर जिलों में स्थित पन्ना टाइगर रिजर्व 542.67 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. केन नदी इस टाइगर रिजर्व का मुख्य आकर्षण है. पन्ना टाइगर रिजर्व में 70 से ज्यादा टाइगरों का घर है. पन्ना टाइगर के कोर एरिया में टाइगर के दीदार करने के लिए 23 दिसंबर से ही पर्यटकों का तांता लगने जा रहा है. यहां 23 दिसंबर से लेकर 1 जनवरी तक जमकर पर्यटक पहुंचेंगे.